Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Mathura Janmashtami : मथुरा में रची रासलीला, कृष्ण जन्मभूमि में गूंजा 'नंद के आनंद भयो' का स्वर

मथुरा समेत पूरे उप्र में धूमधाम से मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

Mathura Janmashtami : भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा में जन्माष्टमी का पर्व मनाने के लिए लाखों भक्त पहुंचे और रात 12 बजते ही भगवान के जयकारों से वातावरण गूंजा उठा। उधर, दिन में मथुरा में उत्सव में शामिल होने के बाद देर शाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर, भगवान कृष्ण के दिव्य अवतरण के उपलक्ष्य में मध्यरात्रि में अनुष्ठानों का नेतृत्व किया।

अयोध्या, वाराणसी समेत पूरे प्रदेश में कान्हा के जन्मोत्सव का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचकर दर्शन किए और देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को संबोधित किया। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मूभूमि मंदिर में ऑपरेशन सिंदूर की झलक देखने को मिली। फूल बंगला को कोलकाता से लाए गए सिंदूरी फूलों से सजाया गया। इसी फूल बंगले में भगवान विराजते हैं। आधी रात को फूल बंगला में ठाकुर जी के दर्शन के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई।

Advertisement

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि समारोह की शुरुआत श्री गणेश और नवग्रह पूजन के साथ हुई, जिसके बाद श्रेष्‍ठार्चन (1008 फूल और तुलसी के पत्ते अर्पित) किया गया। ठाकुर जी के प्राकट्य के बाद कामधेनु गाय द्वारा पहला महाभिषेक किया गया। दर्शन और आरती की गई। उन्होंने बताया कि महाभिषेक के लिए 151 किलो दूध, दही, शहद, घी, चूर्ण, चीनी (भूरा) और कई औषधीय जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया, साथ ही धार्मिक मंत्रों और वैदिक ग्रंथों का पाठ भी किया गया। जय श्रीकृष्ण के जयघोष के बीच विभिन्न संगीत वाद्ययंत्र बजाए गए।

अन्य मंदिरों में भी उत्साह के साथ भक्तों ने जन्मोत्सव मनाया। श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के प्रबंध न्यासी अनुराग डालमिया, सचिव कपिल शर्मा और सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी द्वारा ठाकुर जी का महाभिषेक रजत कमल पुष्प (चाँदी के कमल के आकार के पात्र) पर विराजमान होकर किया गया, जिसके बाद श्रृंगार आरती हुई। ठाकुरजी के प्रकट होने के समय मथुरा-वृंदावन जय श्रीकृष्ण के जयघोष और हरिनाम संकीर्तन से गूंज रहा था।

गोरखपुर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में गोरखनाथ मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व पारंपरिक उत्साह और भक्ति के साथ मनाया गया। महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में भावपूर्ण भजनों के साथ समारोह की शुरुआत हुई, जहां राधा और कृष्ण के रूप में सजे बच्चों ने उत्सव का आकर्षण बढ़ा दिया। मुख्यमंत्री ने उनसे गर्मजोशी से बातचीत की, स्नेह बरसाया, हल्के-फुल्के पल साझा किए और उन्हें खिलौने और चॉकलेट भेंट कीं। जैसे ही मध्यरात्रि हुई, मंदिर शंख, घंटियों और भक्ति मंत्रों की ध्वनि से गूंज उठा।

योगी ने शिशु कृष्ण की मूर्ति को गर्भगृह से बाहर निकाला, उन्हें फूलों के पालने में बिठाया और झूलन की रस्म निभाई, साथ ही आरती और "नंद घर आनंद भयो" और अन्य पारंपरिक भजनों का आनंदपूर्वक गायन भी किया। मंदिर परिसर देर रात तक श्रद्धालुओं से भरा रहा। कृष्ण-राधा वेश-भूषा प्रतियोगिताओं में भी बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विभिन्न श्रेणियों में बच्चों को पुरस्कार प्रदान किए गए। प्रसिद्ध लोक गायक डॉ. राकेश श्रीवास्तव और उनकी मंडली के नेतृत्व में आयोजित भजन संध्या ने भक्ति गीतों और पारंपरिक 'सोहर' की प्रस्तुति दी गई।

अधिकारियों ने बताया कि वाराणसी के काशी विश्वनाथ और इस्कान मंदिर समेत अनेक मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर गर्भगृह में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया। इस मौके पर रामलला का विशेष श्रृंगार भी किया गया। राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, रामलला के गर्भगृह के सामने शनिवार/रविवार की मध्य रात्रि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को भव्य स्वरूप मिला। आधी रात को कान्हा के जन्म की बधाई गीत और सोहर गाए गए और प्रसाद वितरित किया गया।

Advertisement
×