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Mata Vaishno Devi : वैष्णो देवी यात्रा पांचवें दिन भी ठप, श्राइन बोर्ड के खिलाफ बारीदारों का मोर्चा

वैष्णो देवी यात्रा पांचवें दिन भी स्थगित,बारीदार समुदाय के लोगों का श्राइन बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन
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Mata Vaishno Devi : बारीदार समुदाय के सदस्यों के एक समूह ने शनिवार को श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और रियासी जिले में मंदिर जाने वाले पुराने मार्ग पर हाल ही में हुए भूस्खलन की घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। इस भूस्खलन में 34 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 अन्य लोग घायल हुए थे।

वैष्णो देवी तीर्थयात्रा शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी स्थगित रही, जिससे सैकड़ों तीर्थयात्री कटरा में ही फंस गए। हाल ही में हुई भारी बारिश के बाद सड़क और रेल मार्ग से कटरा का संपर्क टूट गया है। बारीदार समुदाय में वैष्णो देवी मंदिर से जुड़े पुजारियों के परिवार शामिल हैं।

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काले झंडे लेकर श्राइन बोर्ड के खिलाफ नारे लगाते हुए बड़ी संख्या में बारीदार समुदाय के सदस्य सड़कों पर उतरे और बोर्ड के पुनर्गठन की मांग की। सदस्यों ने बोर्ड में स्थानीय विधायक और सांसद के अलावा बारीदार समुदाय के दो सदस्यों को भी शामिल करने की मांग की। बारीदार संघर्ष समिति के अध्यक्ष शाम सिंह ने कहा, “हम श्राइन बोर्ड के गठन के विरोध में और अपने अधिकारों की बहाली की मांगों के समर्थन में 30 अगस्त को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं।

इसी दिन 1986 में तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने हमें बोर्ड से जबरन बाहर निकाल दिया था और श्राइन बोर्ड का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था।” सिंह ने 26 अगस्त को हुए भूस्खलन में तीर्थयात्रियों की मौतों के लिए श्राइन बोर्ड को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बारीदार समुदाय इस घटना की श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा दिए गए जांच के आदेश को खारिज करता है।

उन्होंने कहा, “मामले को दबाने के लिए तीन वरिष्ठ अधिकारियों को जांच सौंपी गई। अगर सरकार यह दावा कर रही है कि यात्रा पहले ही स्थगित कर दी गई थी, तो उसे तुरंत निष्पक्ष जांच का आदेश देना चाहिए ताकि पता लगाया जा सके कि तीर्थयात्री मार्ग पर क्यों थे।”

सिंह ने दावा किया कि सच तो यह है कि यात्रा उस घटना के बाद ही स्थगित की गई थी। उन्होंने एक जनवरी, 2022 को तीर्थस्थल पर हुई भगदड़ की जांच का जिक्र करते हुए कहा कि एसएमवीडीएसबी अध्यक्ष द्वारा घोषित जांच के निष्कर्ष अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। भगदड़ में 12 तीर्थयात्रियों की मौत हो गयी थी और 15 लोग घायल हुए थे।

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