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GST दरों में व्यापक बदलाव, यहां पढ़ें क्या होगा सस्ता और क्या महंगा

रोटी, टीवी, छोटी कार होंगी सस्ती, नई दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नई दिल्ली में 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक के संबंध में मीडिया से बातचीत करती हुईं। साथ में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव भी दिखाई दे रहे हैं। पीटीआई फोटो
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GST New Slab: GST परिषद ने बुधवार को आम सहमति से माल एवं सेवा कर में व्यापक सुधारों को मंजूरी दे दी। इस निर्णय से रोटी, पराठा से लेकर हेयर ऑयल, आइसक्रीम और टीवी तक आम उपयोग की वस्तुएं सस्ती होंगी। वहीं व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कर से पूरी तरह से राहत मिलेगी। GST में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गयी है। नई दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी।

व्यक्तिगत उपयोग की लगभग सभी वस्तुओं पर दरों में कटौती की गयी है। दरअसल, सरकार घरेलू खर्च को बढ़ावा देने और अमेरिकी शुल्क के आर्थिक प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही है। यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिन भर चली GST परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘सभी फैसले सर्वसम्मति से किए गए और किसी भी राज्य से कोई असहमति नहीं थी।''

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परिषद ने माल एवं सेवा कर (GST) को मौजूदा चार स्लैब (पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत) की जगह सिर्फ दो दरें (पांच और 18 प्रतिशत) रखने को मंजूरी दे दी। महंगी कारों, तंबाकू और सिगरेट जैसी कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत के विशेष स्लैब का प्रस्ताव किया गया है। सीतारमण ने कहा कि पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, जर्दा जैसे तंबाकू उत्पाद एवं बीड़ी को छोड़कर बाकी सभी उत्पादों के लिए नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी हो जाएंगी। दैनिक उपयोग की खाद्य वस्तुओं पर कर की दर शून्य होगी।

वहीं दूध (अत्यधिक तापमान वाले), छेना, पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, सादी चपाती या रोटी पर कर की दर पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दी गई है। पराठे पर भी कर शून्य होगा जबकि अभी यह 18 प्रतिशत है। आम उपयोग के खाद्य और पेय पदार्थों... मक्खन और घी से लेकर सूखे मेवे, कंडेंस्ड दूध, पनीर, अंजीर, खजूर, एवोकाडो, खट्टे फल, सॉसेज और मांस, चीनी से बनी कन्फेशनरी, जैम और फलों की जेली, नारियल पानी, नमकीन, 20 लीटर की बोतल में पैक पेयजल, फलों का गूदा या रस, दूध, आइसक्रीम, पेस्ट्री और बिस्कुट, कॉर्न फ्लेक्स और अनाज युक्त पेय पदार्थ और चीनी से बनी मिठाइयों पर कर की दर को मौजूदा के 12 प्रतिशत या 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया जाएगा।

रबड़, मानचित्र, पेंसिल, शार्पनर और अभ्यास पुस्तिकाओं पर पांच प्रतिशत की जगह शून्य शुल्क लगेगा। ‘टूथ पाउडर', दूध की बोतलें, रसोई के बर्तन, छाते, बर्तन, साइकिल, बांस के फर्नीचर और कंघी जैसी उपभोक्ता वस्तुओं पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत कर दी गई है।

शैम्पू, टैल्कम पाउडर, टूथपेस्ट, टूथब्रश, फेस पाउडर, साबुन और हेयर ऑयल पर कर की दरें 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई हैं। सीतारमण ने कहा कि GST परिषद ने व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान पर GST को हटाने का फैसला किया है। इससे लोगों के लिये बीमा पॉलिसी लेना सस्ता हो जाएगा। GST परिषद ने सीमेंट पर कर की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ 1,200 सीसी इंजन से कम और 4,000 मिमी से कम लंबाई वाले पेट्रोल, एलपीजी एवं सीएनजी वाहनों और 1,500 सीसी एवं 4,000 मिमी तक लंबाई वाले डीजल वाहनों पर कर की दर मौजूदा 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो जाएगी।

सीतारमण ने कहा कि 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें और एयर कंडीशनर, डिशवॉशर एवं टीवी जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर भी कर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। 1,200 सीसी से ज्यादा और 4,000 मिमी से ज्यादा लंबी सभी गाड़ियों, 350 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली मोटरसाइकिल और निजी उपयोग वाले विमानों एवं रेसिंग कारों पर 40 प्रतिशत कर लगेगा। अतिरिक्त चीनी वाले शीतल पेय पदार्थों पर 40 प्रतिशत कर लगेगा। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों पर पहले की तरह पांच प्रतिशत कर लगता रहेगा।

राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि GST दरों में बदलाव से पड़ने वाला वित्तीय प्रभाव करीब 48,000 करोड़ रुपये का होगा लेकिन राजकोषीय नजरिये से इसका कोई खास असर नहीं होगा। GST परिषद के इस फैसले से कुल प्रीमियम में कमी आएगी क्योंकि कर अब काफी कम हो गया है। कर व्यवस्था को सरल बनाने का यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका को भारत के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया जा रहा है। यह किसी देश पर लगाया गया सबसे ज्यादा शुल्क है।

भारतीय अर्थव्यवस्था उपभोग पर बहुत अधिक निर्भर है। पिछले वित्त वर्ष में निजी उपभोग का बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद में 61.4 प्रतिशत का योगदान रहा। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि GST सुधारों से इसके कार्यान्वयन के दूसरे वर्ष तक अर्थव्यवस्था में 0.5 प्रतिशत तक की अतिरिक्त वृद्धि होने की संभावना है।

इससे अमेरिकी शुल्क का पूरा प्रभाव बेअसर हो जाएगा। सीतारमण ने कहा कि राज्यों को राजस्व हानि की भरपाई को लिए गए ऋणों का पूरा भुगतान होने तक तंबाकू, गुटखा, तंबाकू उत्पादों और सिगरेट पर वर्तमान 28 प्रतिशत कर और क्षतिपूर्ति उपकर लागू रहेगा।रेस क्लब, पट्टा या किराये की सेवाओं और कसीनो/ जुआ/ घुड़दौड़/ लॉटरी/ ऑनलाइन मनी गेमिंग पर भी 40 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। माल ढुलाई के तृतीय-पक्ष बीमा की सेवा की आपूर्ति पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ अब 12 प्रतिशत के बजाय पांच प्रतिशत कर लगेगा।

GST दरों में बढ़ोतरी से कोल्ड ड्रिंक हो जाएगा महंगा

कोका-कोला एवं पेप्सी जैसे लोकप्रिय शीतल पेय और अन्य गैर-अल्कोहल पेय पदार्थ भी अब महंगे हो जाएंगे। GST परिषद ने बुधवार को कार्बोनेटेड पेय पदार्थों पर कर की दर को वर्तमान 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी। माल एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में व्यापक सुधारों के तहत GST परिषद ने फलों से बने पेय या फलों के रस वाले कार्बोनेटेड पेय पदार्थों पर भी कर की दर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी।

इसके साथ ही परिषद ने कैफीन-युक्त पेय पदार्थों पर भी GST की दर बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी। अन्य गैर-अल्कोहल पेय पदार्थ भी महंगे हो जाएंगे क्योंकि इन वस्तुओं पर GST की दर 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है। GST परिषद ने अतिरिक्त चीनी या अन्य मीठा पदार्थ या स्वाद वाले सभी उत्पादों पर भी कर की दर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी है। हालांकि फलों के गूदे या फलों के रस आधारित पेय (फलों के कार्बोनेटेड पेय या फलों के रस वाले कार्बोनेटेड पेय को छोड़कर) पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है।

GST परिषद ने डेयरी उत्पादों, कृषि उपकरणों, उर्वरकों पर कर की दरें घटाईं

GST  परिषद ने ‘अल्ट्रा हाई टेम्परेचर' (यूएचटी) दूध और पनीर पर GST को पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया। कंडेंस्ड दूध, मक्खन, अन्य वसा और पनीर पर GST 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। विभिन्न कृषि उपकरणों पर GST 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इनमें 15 हॉर्स पावर तक की क्षमता के निश्चित गति वाले डीजल इंजन, हैंड पंप, ड्रिप सिंचाई उपकरण और स्प्रिंकलर के लिए नोजल, मिट्टी तैयार करने के लिए कृषि और बागवानी मशीनरी, कटाई और थ्रेसिंग मशीनरी, कंपोस्टिंग मशीन और ट्रैक्टर (1800 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले सेमी-ट्रेलर के लिए ट्रैक्टर को छोड़कर) शामिल हैं।

घटी हुई दरें सेल्फ-लोडिंग कृषि ट्रेलरों और ठेलागाड़ियों सहित हाथ से चलने वाले वाहनों पर भी लागू होंगी। सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया सहित प्रमुख उर्वरक कच्चे माल पर GST 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। परिषद ने नीम-आधारित कीटनाशक सहित विभिन्न जैव कीटनाशकों पर GST 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के अंतर्गत आने वाले सूक्ष्म पोषक तत्वों पर GST घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।

परिषद ने ट्रैक्टर के पिछले टायर और ट्यूब, ट्रैक्टरों के लिए 250 सीसी से अधिक सिलेंडर क्षमता वाले कृषि डीजल इंजन, ट्रैक्टर के लिए हाइड्रोलिक पंप और विभिन्न ट्रैक्टर कलपुर्जों पर GST को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। इन फैसलों से किसानों की लागत कम होने और आवश्यक डेयरी उत्पाद उपभोक्ताओं के लिए किफायती होने की उम्मीद है। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।

GST में सुधारों से छोटी कार, 350 सीसी तक की बाइक होंगी सस्ती

GST दरों में व्यापक बदलाव से छोटी कारें और मोटरसाइकिल सस्ती होंगी। GST परिषद ने बुधवार को माल एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में व्यापक बदलाव को मंजूरी दे दी। इसके तहत GST में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गयी है। नई दरें 22 सितंबर, यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी।

GST दरों में संशोधन के तहत 1,200 सीसी से कम और 4,000 मिमी से कम लंबाई वाले पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी वाहन तथा 1,500 सीसी और 4,000 मिमी तक लंबाई वाले डीजल वाहनों पर मौजूदा 28 प्रतिशत की जगह अब 18 प्रतिशत कर लगेगा। वहीं 350 सीसी तक की मोटरसाइकिल पर अब 18 प्रतिशत की दर से GST लगेगा जबकि वर्तमान में यह 28 प्रतिशत है।

वहीं 1,200 सीसी से अधिक और 4,000 मिमी से अधिक लंबी सभी वाहनों के साथ-साथ 350 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिल और रेसिंग कार पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। कर मोर्चे पर छोटी हाइब्रिड कारों को भी लाभ होगा। जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगता रहेगा।

मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी संतोष अय्यर ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार ने वाहन उद्योग की GST दरों को युक्तिसंगत बनाने की लंबे समय से चली आ रही मांग को सुना है।''

उन्होंने कहा कि यह GST संशोधन सही दिशा में उठाया गया कदम है, प्रगतिशील है और खपत को बढ़ावा देकर बहुप्रतीक्षित प्रोत्साहन प्रदान करेगा और वाहन उद्योग को गति प्रदान करेगा। कुल मिलाकर इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। वर्तमान में, वाहनों पर 28 प्रतिशत कर लगता है। यह GST का सबसे ऊंचा स्लैब है।

वाहन के प्रकार के आधार पर, कर की इस दर के ऊपर एक से 22 प्रतिशत तक का क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है। इंजन, क्षमता और लंबाई के आधार पर कारों पर कुल कर दर छोटी पेट्रोल कारों के लिए 29 प्रतिशत जबकि एसयूवी के लिए 50 प्रतिशत तक है। इसके अलावा, वाहन कलपुर्जों पर GST को मौजूदा 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।

जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर अब नहीं लगेगा GST

व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम अब सस्ते हो जाएंगे क्योंकि इन बीमा उत्पादों को माल एवं सेवा कर (GST) से छूट दे दी गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को GST परिषद की 56वीं बैठक के बाद ऐलान किया कि सभी तरह की व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसी और उनके पुनर्बीमा पर अब कोई GST नहीं लगेगा। इनमें टर्म लाइफ, यूलिप या एंडोमेंट पॉलिसी शामिल हैं। इसी तरह सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी और उनका पुनर्बीमा भी GST के दायरे से बाहर कर दिया गया है।

इनमें फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी भी शामिल हैं। जुलाई, 2017 में GST प्रणाली लागू होने के बाद से अब तक जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत की दर से GST वसूला जाता था। सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बीमा कंपनियां GST से दी गई राहत का लाभ उपभोक्ताओं को दें और बीमा आम आदमी के लिए किफायती बने और देश में बीमा कवरेज बढ़े।”

GST की नई दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू हो जाएंगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर लगाए गए GST से 16,398 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसमें 8,135 करोड़ रुपये जीवन बीमा और 8,263 करोड़ रुपये स्वास्थ्य बीमा से आए थे। इसके अलावा 2,045 करोड़ रुपये पुनर्बीमा पर उपकर के रूप में मिले, जिनमें 561 करोड़ रुपये जीवन बीमा और 1,484 करोड़ रुपये स्वास्थ्य बीमा से जुड़े थे।

वित्त वर्ष 2022-23 में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर लगाए गए GST से कुल 16,770 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी। GST परिषद ने GST ढांचे को सरल बनाते हुए चार की जगह सिर्फ दो दरें ही रखने पर सहमति जताई। अब उत्पादों पर पांच एवं 18 प्रतिशत की दर से कर लगेगा जबकि कुछ चुनिंदा उत्पादों पर विशेष 40 प्रतिशत GST लगाया जाएगा।

GST दरों में सुधार से कारोबार क्षेत्रों, उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगीः उद्योग

उद्योग जगत एवं निर्यातक समुदाय ने बुधवार को GST परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों को कर सुधारों की दिशा में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इससे कारोबार क्षेत्रों एवं उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने के साथ वृद्धि भी तेज होगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने बयान में कहा, “GST सुधारों का कदम एक शानदार उपलब्धि है।

पांच और 18 प्रतिशत की दो कर दरें ही रखने, रिफंड और एमएसएमई से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने और व्यक्तिगत जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा पर GST हटाने जैसे दूरदर्शी फैसलों का हम स्वागत करते हैं। यह एक व्यापक बदलाव है।” उन्होंने कहा कि कर ढांचे में इस स्पष्टता से अनुपालन आसान होगा, मुकदमे घटेंगे और कारोबारों एवं उपभोक्ताओं को पूर्वानुमान की सुविधा मिलेगी। बनर्जी ने कहा कि रोजमर्रा की वस्तुओं और जरूरी कच्चे माल पर दरें कम होने से परिवारों को तत्काल राहत मिलेगी और वृद्धि की बुनियाद मजबूत होगी।

उन्होंने कहा, “सीआईआई का मानना है कि उद्योग क्षेत्र इन लाभों को तेजी से उपभोक्ताओं तक पहुंचाएगा और सरकार के साथ मिलकर सुचारू, समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा। इससे मांग को बढ़ावा मिलेगा और नौकरियां सृजित होंगी।” शीर्ष निर्यातक संगठन फियो ने भी GST परिषद के फैसलों का स्वागत करते हुए कहा कि सात दिन के भीतर रिफंड निपटान की प्रतिबद्धता सही दिशा में उठाया गया कदम है और इससे निर्यातकों पर नकदी से जुड़ा दबाव काफी हद तक कम होगा।

निर्यातकों के प्रतिनिधि संगठन ने कहा कि वैश्विक मांग को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच समय पर और पूर्वानुमेय रिफंड भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए बेहद अहम हैं। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, “हमें सरकार के साथ मिलकर इन उपायों के जमीनी स्तर पर सुचारू क्रियान्वयन की उम्मीद है। एक हजार रुपये से कम के GST रिफंड की अनुमति ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी।”

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