नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (एजेंसी)
राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बुधवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा स्कूलों को बंद नहीं करने का निर्णय भी लिया गया है। स्कूलों के संचालन के लिए विशेषज्ञों से ली गयी सलाह के आधार पर एक अलग मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू की जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों को सामाजिक समारोहों पर कड़ी नजर रखने और राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 जांच की संख्या बढ़ाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बुधवार को कोविड-19 के 632 नये मामले सामने आए और संक्रमण की दर 4.42 प्रतिशत थी।
कोविड-19 : उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़ी
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 2,067 नए मामले सामने आने के बाद देश में कोरोना वायरस से उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी बढ़कर 12,340 पर पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में संक्रमण से 40 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,22,006 हो गई है। देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या कुल मामलों का 0.03 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 480 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.76 प्रतिशत है। वहीं, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 186.90 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
जान गंवाने वालों के नमूनों में 97% ओमीक्रोन
दिल्ली में जनवरी से मार्च तक कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों से लिये गये 97 प्रतिशत नमूनों में कोरोना वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप पाया गया है। मृतकों से लिये गये 578 नमूनों में 560 में ओमीक्रोन के स्वरूप का पता चला। शेष 18 (तीन प्रतिशत) में कोविड के डेल्टा सहित अन्य स्वरूप पाये गये, जो पिछले साल अप्रैल और मई में संक्रमण की दूसरी लहर का तेजी से प्रसार करने के लिए जिम्मेदार रहे थे। ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमण की तीसरी लहर में कम संख्या में कोविड के मरीज अस्पतालों में भर्ती हुए और सरकारी आंकड़ों से प्रदर्शित होता है कि ज्यादातर मौतों के लिए वायरस प्राथमिक कारण नहीं था।