मान सरकार ने नंगल डैम का पूरा कंट्रोल लिया अपने हाथ, विस सत्र बुलाया
दिनेश भारद्वाज/टि्रन्यू
चंडीगढ़, 1 मई
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के मुद्दे पर टकराव उम्मीद से कहीं अधिक बढ़ गया है। बुधवार की रात हुई भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) की बैठक में हरियाणा को 8500 क्यूसिक पानी देने के फैसले के बाद विवाद और गहरा गया है। बृहस्पतिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान नंगल डैम जा पहुंचे। डैम का पूरा कंट्रोल सरकार ने अपने हाथों में ले लिया है। शुक्रवार को पंजाब में सर्वदलीय बैठक बुलाई और सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है।
वहीं दूसरी ओर, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी मोर्चा संभाले हुए हैं। सैनी ने भी अधिकारियों की बैठक ली। वे केंद्र सरकार के साथ भी लगातार संपर्क साधे हुए हैं। इस पूरे विवाद के बीच बोर्ड के निदेशक और सचिव को भी बदल दिया गया है। निदेशक पद पर पंजाब के अधिकारी को हटाकर हरियाणा के अधिकारी की नियुक्ति का भी मान सरकार ने विरोध किया है। भगवंत मान ने एक बार फिर कहा कि पंजाब के पास देने के लिए बिल्कुल भी पानी नहीं है।
हरियाणा में विपक्षी दल भी नायब सरकार पर सर्वदलीय बैठक और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इस मुद्दे पर प्रदेश के सभी राजनीतिक दल सरकार के साथ खड़े हैं। सुबह रोपड़ रेंज के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर पुलिस फोर्स के साथ नंगल डैम पर पहुंचे। यहां पुलिस ने कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान भी डैम पर जा पहुंचे। इसके बाद मान ने चंडीगढ़ में बैठक की। बैठक में आप प्रदेशाध्यक्ष अमन अरोड़ा सहित कई वरिष्ठ मौजूद रहे। अरोड़ा ने कहा कि शुक्रवार को सुबह 10 बजे सर्वदलीय बैठक होगी। सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में पहले से पानी का संकट है। किसी और को देने के लिए पंजाब के पास पानी नहीं है।
हरियाणा के 9 जिलों में पानी की राशनिंग : पंजाब द्वारा पानी की आपूर्ति कम करने की वजह से हरियाणा के 9 जिलों – कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, जींद, फतेहाबाद, सिरसा, हिसार, रोहतक व महेंद्रगढ़ में जल संकट गहरा गया है। बाकी जिलों में भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में सरकार ने शहरों में दो बार की बजाय एक बार और गांवों में एक दिन छोड़कर जलापूर्ति करने का निर्णय लिया है।
पंजाब सीएम भगवंत मान ने कहा
n पंजाब में पहले से पानी का संकट है। सभी डैम में पानी कम है। धान का सीजन शुरू होने वाला है। प्रदेश के किसानों को पानी की जरूरत है।
n हरियाणा को देने के लिए हमारे पास पानी नहीं है। चार हजार क्यूसिक पानी भी हम मानवता के नाते दे रहे हैं। बीबीएमबी में हमारा 60 फीसदी हिस्सा है।
n हरियाणा व राजस्थान में भाजपा की सरकार है। इसीलिए बुधवार की रात 8500 क्यूसिक पानी देने का पंजाब के खिलाफ फैसला लिया। हम इस फैसले को नहीं मानेंगे।
n हरियाणा के लोग बेटी के घर का पानी नहीं पीते। यह नहर मांग रहे हैं। वक्त से डरिए। तीन महीने पहले हम दिल्ली के लिए पानी मांग रहे थे।
मुख्यमंत्री नायब सैनी की दलील
n पंजाब सरकार को घटिया राजनीति छोड़नी चाहिए। चुनाव का समय आ रहा है। इसीलिए ‘आप’ ऐसा कर रही है। लोग सब समझ रहे हैं।
n आप विकास की राजनीति कब करेगी। पंजाब संतों की धरती है। यहां के लोग सबको पानी पिलाते थे। उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए
n पंजाब हमारा बड़ा भाई है। आज तक के इतिहास में पीने के पानी को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ। मान सरकार की वजह से पानी पाकिस्तान जाएगा।
n दिल्ली की हार से केजरीवाल सदमे में हैं। हार उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रही है। इसलिए वे साजिश रच रहे हैं और भगवंत मान अमलीजामा पहना रहे हैं।
टाइम लाइन
23 अप्रैल : बीबीएमबी तकनीकी कमेटी की बैठक में हरियाणा,पंजाब, राजस्थान व दिल्ली के संबंध में फैसला हुआ
26 अप्रैल : सीएम नायब सैनी ने भगवंत मान को पानी बंद होने के बारे में फोन पर बात की
26 अप्रैल : भगवंत मान ने आठ घंटे में पानी छोड़ने का दावा किया
27 अप्रैल : पंजाब ने पानी नहीं छोड़ा तो हरियाणा के अधिकारियों ने फोन किया। जवाब नहीं मिला
28 अप्रैल : पंजाब ने हरियाणा का 5 हजार क्यूसिक पानी कम कर दिया।
29 अप्रैल : भगवंत मान ने वीडियो जारी कर भाजपा पर दबाव बनाने का आरोप लगाया
30 अप्रैल : हरियाणा के मुख्यमंत्री ने वीडियो जारी कर पंजाब के मुख्यमंत्री के आरोप का जवाब दिया
30 अप्रैल : भाखड़ा ब्याज मैनेजमेंट बोर्ड ने पूरे विवाद पर केंद्र को पत्र लिखकर सूचित किया, रात को बोर्ड बैठक में हरियाणा में साढ़े आठ हजार क्यूसिक पानी छोड़ने का फैसला
30 अप्रैल : रात में ही बोर्ड निदेशक और सचिव को बदला। पंजाब व हरियाणा के अफसरों को ही चार्ज
01 मई : मुख्यमंत्री भगवंत मान डैम पर पहुंचे। सर्वदलीय बैठक और विधानसभा सत्र बुलाने का निर्णय
( हरियाणा में जल संकट रोकने को राशनिंग लागू - पेज 2 )