Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Manipur violence: मणिपुर में चार और MLA के घर जलाए गए, बीरेन के पैतृक घर पर हमले का प्रयास

Manipur News: मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण, कर्फ्यू जारी और इंटरनेट सेवा भी निलंबित

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
मणिपुर के जिरीबाम जिले में संदिग्ध कुकी विद्रोहियों द्वारा बंधक बनाए जाने के कुछ दिनों बाद मैतेई समुदाय के छह लोगों के शव मिलने के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। पीटीआई फोटो
Advertisement

इंफाल, 17 नवंबर (भाषा)

Manipur violence: मणिपुर में इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में गुस्साई भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन और विधायकों तथा कांग्रेस के एक विधायक के आवास को लगा दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश की, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

Advertisement

जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को हिंसक प्रदर्शन किया, जिसके बाद से यहां अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। गुस्साई भीड़ ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर भी हमला किया था।

Advertisement

अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम से भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंद्राक्पम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी।

पुलिस ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने विधायकों के आवासीय परिसरों पर धावा बोला, संपत्ति में तोड़फोड़ की और घरों में आग लगा दी। हालांकि, इस दौरान विधायक और उनके परिवार के सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे। अधिकारियों के अनुसार, इन घटनाओं में घर आंशिक रूप से जल गए। घरों के पूरी तरह जलने से पहले अग्निशमन सेवाएं मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पा लिया।

प्रदर्शनकारियों ने शनिवार रात इंफाल पूर्वी क्षेत्र में लुवांगसांगबाम स्थित बीरेन सिंह के पैतृक निवास पर भी हमला करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें 100-200 मीटर पहले ही रोक दिया। अधिकारियों ने बताया कि असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राज्य के बलों सहित सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, रबड़ की गोलियां चलाईं और सिंह के घर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश को नाकाम कर दिया।

उन्होंने कहा कि गुस्साई भीड़ ने इसके बाद बीरेन सिंह के आवास की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर टायर जलाए और वाहनों की आवाजाही को अवरुद्ध कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के पैतृक घर से करीब तीन से चार किलोमीटर दूर मन्त्रीपुखरी इलाके में रात करीब 11 बजे तक प्रदर्शन जारी रहा।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा कि मुख्यमंत्री के पैतृक घर पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारी अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के थे, न कि हिंगांग विधानसभा क्षेत्र से। मुख्यमंत्री बीरेन हिंगांग सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिरीबाम में छह लोगों के शव बरामद होने के बाद इंफाल घाटी में हुए हिंसक प्रदर्शन के चलते यहां रविवार सुबह स्थिति शांत, लेकिन तनावपूर्ण बनी रही।

इसी के साथ घाटी में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं। मणिपुर के जिरीबाम जिले में दो महिलाओं और एक बच्चे के शव बराक नदी से शनिवार को बरामद किए गए जबकि एक महिला एवं दो बच्चों के शव शुक्रवार रात मिले। ऐसा आरोप है कि उग्रवादियों ने अपहरण के बाद इनकी हत्या कर दी।

जिरीबाम जिले में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच सोमवार को मुठभेड़ हुई थी जिसके बाद से राहत शिविर में रहने वाली तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता थे। इस मुठभेड़ में 10 उग्रवादी भी मारे गए थे। इंफाल घाटी में एक दिन पहले लोगों ने इस हत्या के विरोध में हिंसक प्रदर्शन किए और राज्य के तीन मंत्रियों तथा छह विधायकों के आवास पर भी हमला किया।

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक आर के इमो सहित तीन विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की और उनकी संपत्तियों में आग लगा दी। वहीं, सुरक्षाबलों ने इंफाल के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने मंत्री सपाम रंजन, एल सुसिंद्रो सिंह और वाई खेमचंद के आवास पर हमला किया। उन्होंने बताया कि इंफाल घाटी में ‘‘कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए'' इंफाल पूर्वी एवं पश्चिमी, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिले में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है।

वहीं, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मणिपुर के मंत्रियों और विधायकों के आवासों पर प्रदर्शनकारियों के धावा बोलने के बाद प्रशासन ने सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के दामाद इमो के अलावा, प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विधायक सपाम कुंजाकेसोर और विधायक जॉयकिशन सिंह की संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया।

अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने वांगखेई सीट से जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक टी. अरुण और लंगथाबल से भाजपा विधायक करम श्याम के आवास का भी घेराव किया।

इस बीच, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी पश्चिम इंफाल में तिद्दिम रोड स्थित केशामथोंग के निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह के आवास पर उनसे मिलने आए थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि वह राज्य में मौजूद नहीं हैं तो उन्होंने विधायक के स्वामित्व वाले एक स्थानीय समाचार पत्र के कार्यालय पर हमला कर दिया।

भीड़ ने कार्यालय की इमारत के सामने कुछ अस्थायी संरचनाओं को भी नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा भवन से मात्र 200 मीटर दूर थांगमेइबंद क्षेत्र में सड़क पर टायर जलाए।

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी राजभवन और सचिवालय सहित कई इमारतों की ओर मार्च करने का प्रयास कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। मुख्य सचिव विनीत जोशी ने इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्वी, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिले में शनिवार शाम 5.15 बजे से दो दिन के लिए इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने का आदेश दिया है।

इंफाल घाटी के नागरिक समाज संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था ‘‘मणिपुर अखंडता समन्वय समिति'' (सीओसीओएमआई) ने उग्रवादियों पर 24 घंटे के भीतर सैन्य कार्रवाई करने की मांग की है।

अधिकारियों ने बताया कि उग्रवादियों ने रात में जिरीबाम कस्बे में कम से कम दो चर्च और तीन घरों को आग के हवाले कर दिया। अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘उपद्रवियों द्वारा और अधिक आगजनी किए जाने तथा अतिरिक्त संरचनाओं को जलाने की खबरें भी सामने आई हैं, लेकिन इन दावों की अभी तक स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है।''

सीओसीओएमआई के प्रवक्ता के. अथौबा ने आफस्पा (सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम) को तत्काल हटाने की मांग की, जिसे हाल ही में छह पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में पुनः लागू किया गया है। जिरीबाम में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए कुकी-जो समुदाय के 10 युवकों के शव शनिवार को असम के सिलचर शहर से विमान द्वारा चुराचांदपुर लाए गए। असम के सिलचर में इनका पोस्टमॉर्टम किया गया था।

Advertisement
×