नयी दिल्ली, 20 जून (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में मत डालने के लिए जेल से अस्थायी रिहाई संबंधी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो नेताओं नवाब मलिक और अनिल देशमुख के अनुरोध को खारिज कर दिया।
महाराष्ट्र विधान परिषद की 10 सीट के लिए सुबह से मतदान जारी है। हालांकि न्यायमूर्ति सीटी. रविकुमार और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 62 (5) का व्याख्या पर गौर करने को लेकर सहमत हो गयी। यह धारा जेल में बंद व्यक्तियों को मताधिकार से वंचित करती है।
इससे पहले बंबई हाईकोर्ट ने 17 जून को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा विधान परिषद चुनाव में मतदान की अनुमति के अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। मलिक और देशमुख अलग-अलग मामलों में धन शोधन और भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं।