जम्मू, 6 अप्रैल (एजेंसी)
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे म्यांमार और बांग्लादेश के अाप्रवासियों की पहचान करने के लिए सरकार को 6 सप्ताह का समय दिया है। चीफ जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस मोक्ष खजूरिया काजमी की पीठ ने ऐसे अवैध अाप्रवासियों के निर्वासन का अनुरोध करने वाले वकील हुनर गुप्ता द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर आदेश पारित किया।
पीठ ने कहा, ‘हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव को इस मामले पर विचार करने और सभी अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए एक तंत्र विकसित करने और उनकी पहचान करने के बाद एक सूची तैयार करने का निर्देश देते हैं।’
पीठ ने पिछले सप्ताह अपने आदेश में कहा, ‘उक्त कवायद को छह सप्ताह की अवधि के भीतर शीघ्रता से पूरा किया जा सकता है।’
महाधिवक्ता डीसी रैना और अतिरिक्त महाधिवक्ता रमन शर्मा केंद्र शासित प्रदेश के लिए पेश हुए और मामले को 15 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
डोडा, श्रीनगर में दो हफ्तों में सीसीटीवी कैमरे
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने श्रीनगर और डोडा जिले में राष्ट्रविरोधी और विध्वंसक तत्वों पर कड़ी नजर रखने के लिए व्यापारिक प्रतिष्ठानों, पूजा स्थलों व बाजार संघों को 14 दिनों की अवधि के भीतर क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे लगाने का निर्देश दिया है। डोडा के जिलाधिकारी विकास शर्मा और श्रीनगर के उपायुक्त एजाज असद ने मंगलवार को ये आदेश जारी किए। डोडा जिलाधिकारी ने अपने आदेश में कहा कि कैमरे इस तरह से लगाए जाएं कि यह प्रवेश, निकास द्वार के साथ ही पार्किंग स्थलों को भी कवर करें।