नयी दिल्ली, 5 दिसंबर (एजेंसी)
दिल्ली की हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगने वाली सीमाओं पर हजारों किसानों के लगातार 10वें दिन भी प्रदर्शन जारी रखने के कारण कई प्रमुख मार्गों पर यातायात बेहद धीमा रहा और जाम जैसी स्थिति बनी रही। दिल्ली पुलिस ने सिंघू, लामपुर, औचंदी, साफियाबाद, प्याऊ मनियारी और साबोली सीमा बंद होने की जानकारी यात्रियों को ट्विटर से दी। उसने यह भी बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 दोनों तरफ से बंद है।
पुलिस ने यात्रियों को राष्ट्रीय राजमार्ग-8, भोपुरा, अप्सरा बॉर्डर और पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे जैसे वैकल्पिक मार्ग का सुझाव दिया। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया कि मुकरबा और जीटीके मार्ग से यातायात को डायवर्ट किया गया है। बाहरी रिंग रोड, जीटीके रोड, एनएच-44 से बचें।
पुलिस के मुताबिक टिकरी और झड़ौदा बॉर्डर किसी भी तरह के यातायात के लिये बंद हैं जबकि बदुसराय बॉर्डर सिर्फ कार और दो पहिया जैसे हल्के वाहनों के लिये खुला है। झटिकारा सीमा सिर्फ दो पहिया वाहनों के लिये खुली है। यातायात पुलिस ने कहा कि किसी को हरियाणा जाना हो तो वे ढांसा, दौराला, कापसहेड़ा, रजोकरी राष्ट्रीय राजमार्ग 8, बिसवासन/ बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेरा बॉर्डर के रास्ते जा सकते हैं।
डीएनडी का इस्तेमाल करने की सलाह
पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि गौतमबुद्ध द्वार के निकट किसानों के प्रदर्शन के कारण नोएडा संपर्क मार्ग पर चिल्ला बॉर्डर नोएडा से दिल्ली आने वाले यातायात के लिये बंद है। लोगों को दिल्ली आने के लिये नोएडा संपर्क मार्ग से बचने और डीएनडी का इस्तेमाल करने की सलाह ही गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर गाजीपुर बॉर्डर के बंद होने के चलते पुलिस ने गाजियाबाद से आने वाले यात्रियों को अप्सरा या भोपुरा बॉर्डर या दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट एक्सप्रेस-वे के इस्तेमाल की सलाह दी है।
आज राष्ट्रपति को पुरस्कार लौटाएंगे पूर्व खिलाड़ी
चंडीगढ़ (एजेंसी) : पंजाब के कई पूर्व खिलाड़ी किसानों के समर्थन में अपने पुरस्कार लौटाने के लिए शनिवार को दिल्ली रवाना हो गये। उन्होंने ऐलान किया है कि वे रविवार को राष्ट्रपति को अपने पुरस्कार लौटाएंगे। पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित पूर्व पहलवान करतार सिंह ने कहा, ‘हम किसानों के प्रदर्शन में शामिल होंगे। स्वास्थ्य तथा अन्य कारणों के चलते हमारे साथ नहीं जा रहे सज्जन सिंह चीमा जैसे कई पूर्व खिलाड़ियों ने हमें अपने पुरस्कार दे दिये हैं।’ पूर्व हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर ने कहा, ‘यदि राष्ट्रपति से मिलने का समय नहीं दिया गया, तो हम रविवार को अपने पुरस्कार राष्ट्रपति भवन के बाहर रख आएंगे।’ दिल्ली के लिए रवाना हुए ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित हॉकी ओलंपियन गुरमेल सिंह, अर्जुन पुरस्कार विजेता कबड्डी खिलाड़ी हरदीप सिंह और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भारोत्तोलक तारा सिंह शामिल हैं।
पंजाबी गीतों में भी गूंज रहा किसानों का ‘दर्द’
चंडीगढ़/नयी दिल्ली, 5 दिसंबर (एजेंसी)
सड़कों पर संगीत की धुनें सुनाई दे रही हैं लेकिन ये धुनें न तो शादी के गीतों की है और न ही तसल्ली से बैठकर सुनने वाला संगीत है। यह किसानों के विरोध प्रदर्शन के गीत हैं। नये कृषि कानूनों के विरोध में किसान पंजाब से दिल्ली आये हैं और उनके साथ ही ये गीत भी पंजाब से दिल्ली तक उनके विरोध प्रदर्शन के साथी बने हुए हैं। विरोध प्रदर्शनों के गीतों को यूट्यूब, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या में श्रोता मिले हैं। गायक कंवर ग्रेवाल ने कहा कि यह हमारे लिए बड़ा मुद्दा है। हम सभी अपनी मिट्टी से जुड़े हैं। ग्रेवाल ने ‘ऐलान’ और ‘पेचा’ गीतों को अपनी आवाज दी है। इन गानों में किसानों के प्रदर्शन को समर्थन दिया गया है। ग्रेवाल ने कहा कि वह एक तीसरे गीत ‘जवानी जिंदाबाद’ की योजना बना रहे हैं, जिसमें प्रदर्शन में युवाओं की हिस्सेदारी को उजागर किया जाएगा।‘पेचा’ गाने को हर्फ चीमा ने लिखा है। इसे यूट्यूब पर अब तक 30 लाख से ज्यादा बार देखा चुका है। पंजाब के विख्यात गायक और अभिनेता हरभजन मान ‘मरदे नी लाये बिना हक, दिलिये’ गाना लेकर आए हैं। यह किसानों के बारे में है। उधर, पंजाबी संगीतकार सिधू मोसेवाला, बब्बू मान, जस बाजवा, हिम्मत संधू, आर नइत और अनमोल गगन जैसे कलाकार पंजाबी लोगों में अधिकारों की रक्षा की लड़ाई की भावना की तारीफ करते हुए गाने ले कर आए हैं।
बॉलीवुड की चुप्पी पर गिप्पी ग्रेवाल निराश
मुंबई (एजेंसी) : पंजाबी गायक गिप्पी ग्रेवाल ने शनिवार को बॉलीवुड की आलोचना करते हुए कहा कि वह ऐसे समय में पंजाब के पक्ष में खड़ा नहीं हुआ जब राज्य को किसानों के प्रदर्शनों के बीच उनके समर्थन की सबसे ज्यादा जरूरत थी। गिप्पी ग्रेवाल के नाम से मशहूर 37 वर्षीय रूपिंदर सिंह ग्रेवाल ने ट्विटर पर लिखा कि वर्षों तक पंजाब ने खुली बाहों से बॉलीवुड का स्वागत किया लेकिन इस मुद्दे पर उसकी चुप्पी तकलीफदेह है।