नयी दिल्ली, 23 नवंबर (एजेंसी)
पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के हमले के खिलाफ भारतीय सैनिकों का नेतृत्व करने वाले 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू को महावीर चक्र (मरणोपरांत) से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को सम्मानित किया। यहां आयोजित एक समारोह में बाबू की पत्नी बी संतोषी और मां मंजुला ने पुरस्कार ग्रहण किया।
महावीर चक्र युद्धकाल का दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। चार अन्य सैनिकों, नायब सूबेदार नुदुरम सोरेन, हवलदार (गुन्नूर) के पलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को वीर चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। उन्होंने पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। हवलदार तेजिंदर सिंह को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
वीर चक्र युद्धकाल के लिए देश का तीसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। नायब सोरेन की पत्नी लक्ष्मी मणि सोरेन, हवलदार पलानी की पत्नी वनथी देवी और नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह ने राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण किया। सिपाही गुरतेज सिंह की मां प्रकाश कौर और पिता विरसा सिंह ने राष्ट्रपति से वीर चक्र ग्रहण किया।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में सशस्त्र बलों के कई अन्य कर्मियों को भी सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय राइफल्स की 21वीं बटालियन के मेजर अनुज सूद को शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष सैन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।