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Mahashivratri 2025 : काशी विश्वनाथ मंदिर में अब नहीं होंगे वीआईपी दर्शन, 25 से 27 फरवरी तक लगी रोक, जानिए क्यों

Mahashivratri 2025 : काशी विश्वनाथ मंदिर में अब नहीं होंगे वीआईपी दर्शन, 25 से 27 फरवरी तक लगी रोक, जानिए क्यों
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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
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वाराणसी (उप्र), 24 फरवरी (भाषा)

Mahashivratri 2025 : महाकुंभ के बाद वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं की खासी भीड़ को देखते हुए 25 से 27 फरवरी तक ‘वीआईपी दर्शन' (विशिष्ट लोगों के लिए दर्शन) की व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि महाकुंभ में स्नान के बाद आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है।

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इस वर्ष महाशिवरात्रि पर्व 26 फरवरी को होने के कारण देश के विभिन्न प्रान्तों से दर्शनार्थियों का हुजूम आने की सम्भावना है। इसे देखते हुए आगामी 25 से 27 तक मंदिर में ‘वीआईपी दर्शन' पर रोक लगा दी गयी है। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में विभिन्न अखाड़ों के साधु, संत और नागा साधु श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। इस अवसर पर नागा अखाड़ों द्वारा शोभा यात्रा निकाल कर दर्शन पूजन किया जाएगा जिससे मंदिर के द्वार संख्या 4 से सामान्य जन प्रवेश बाधित रहेगा। इसके कारण सामान्य दर्शन में लगे श्रद्धालुओं की प्रतीक्षा अवधि बढ़ने की संभावना रहेगी।

मिश्रा ने कहा कि बढ़ती गर्मी और उमस के वर्तमान वातावरण में अत्यधिक प्रतीक्षा अवधि बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है। इसे देखते हुए भी 25 फरवरी से 27 फरवरी तक किसी भी प्रकार के ‘वीआईपी दर्शन' व्यवस्था को पूरी तरह से बंद किये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर 12 लाख श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे थे लेकिन इस बार महाकुंभ वर्ष होने के कारण यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि का पर्व काशी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। महाकुंभ के अवसर पर प्रतिदिन छह से नौ लाख लोग बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन कर रहे हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर इस बार 10 से 12 लाख श्रद्धालुओं के बाबा दरबार में आने की संभावना है। भीड़ को देखते हुए मंदिर के चारों द्वार में कतारों की संख्या बढ़ाई गई है। अखाड़ों और नागा साधुओं के लिये दर्शन-पूजन का समय निर्धारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि बाकी के समय में आम जनता के लिए दर्शन की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा और अन्य सुविधाओं की दृष्टि से मंदिर परिसर में जगह जगह पीने का पानी, ओआरएस, ग्लूकोज, शेड (विश्राम के लिए स्थान), मेडिकल सुविधा, एम्बुलेंस आदि की व्यवस्था की गई है। काशी जोन के पुलिस उपायुक्त गौरव बंसवाल ने बताया कि भक्तों की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस प्रशासन ने वाराणसी में 55 स्थानों को चिह्नित किया है जहां अवरोधक लगाए जाएंगे।

काशी विश्वनाथ धाम परिसर को जोन और सेक्टर में विभाजित कर 13 सेक्टर में पुलिस बल तैनात किया जाएगा। गोदौलिया से मैदागिन चौराहे तक ‘नो व्हीकल जोन' घोषित किया गया है। साथ ही दशाश्वमेध घाट तक अवरोधक को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए आठ यातायात इंस्पेक्टर, 24 यातायात सब-इंस्पेक्टर, 164 हेड कॉन्स्टेबल और 300 से अधिक होमगार्ड के जवान तैनात किए जाएंगे।

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