मुंबई, 29 जून (एजेंसी) महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के विधानभवन के सचिव को बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का शक्ति परीक्षण कराने को कहा है। कोश्यारी द्वारा मंगलवार देर रात जारी पत्र की प्रति ‘पीटीआई-भाषा’ के पास उपलब्ध है। यह पत्र वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा सत्तारूढ़ शिवसेना से बगावत के बीच आया है। शिंदे पार्टी के ज्यादातर विधायकों और कई निर्दलीय विधायकों के साथ पिछले सप्ताह से गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं, जिससे ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार संकट में घिर गयी है। महाराष्ट्र विधानभवन के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत को लिखे पत्र में कोश्यारी ने कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा का एक विशेष सत्र 30 जून (बृहस्पतिवार) को पूर्वाह्न 11 बजे बुलाया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव पर मतदान एकमात्र एजेंडा होगा और किसी भी सूरत में सदन की कार्यवाही शाम पांच बजे तक पूरी करनी होगी।’ पत्र में कहा गया है, ‘सदन की कार्यवाही का सजीव प्रसारण किया जाएगा और इसके लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे।’ शिवसेना के नेता एवं मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत से महाराष्ट्र में उत्पन्न राजनीतिक स्थिति के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार रात को राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। फडणवीस ने कोश्यारी से अनुरोध किया कि वह उद्धव ठाकरे सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहें। फडणवीस ने दावा किया कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार अल्पमत में प्रतीत हो रही है क्योंकि शिंदे गुट के 39 शिवसेना विधायकों ने कहा है कि वे सरकार का समर्थन नहीं करते हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।