प्रयागराज, 25 अक्तूबर (एजेंसी)
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की सोमवार को हुई बैठक में निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया। महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु होने से यह पद रिक्त था।
दारागंज के मोरी गेट स्थित निरंजनी अखाड़ा परिसर में हुई बैठक के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने बताया कि बैठक में 13 अखाड़ों में से सात अखाड़ों के पदाधिकारी शामिल हुए और निर्मोही अनी अखाड़े की तरफ से समर्थन का पत्र आया था। हरि गिरि ने बताया कि मनसा देवी मंदिर के महंत रवींद्र पुरी को कई इंजीनियरिंग कॉलेज, डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज चलाने का 20 साल का अनुभव है। एक अनुभवी संत को अध्यक्ष पद पर आसीन करने का प्रस्ताव रखा गया। अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष पांच साल के लिए चुना जाता है। यह मध्यावधि चुनाव था और महंत रवींद्र पुरी का अध्यक्ष पद पर कार्यकाल वर्ष-2024 तक का होगा।
‘सनातन धर्म बचाने के लिए योगी दोबारा जरूरी’
अध्यक्ष बनने के बाद महंत रवींद्र पुरी ने सोमवार को कहा कि अखाड़ा परिषद के समक्ष सबसे बड़ी चिंता सनातन धर्म को लेकर है और उनका सबसे बड़ा मिशन उत्तर-प्रदेश में योगी सरकार को दोबारा लाना है। साधु संत अपने भक्तों के बीच योगी सरकार को दोबारा लाने का आह्वान करेंगे। महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि यदि सनातन धर्म को बचाना है तो योगी को दोबारा लाना जरूरी है।