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Mahakumbh 2025 : संगम में महाकुंभ पर डुबकी लगाने से नहीं, ज्ञान से मिलता है मोक्ष, बोले - श्री श्री रवि शंकर

श्री श्री रवि शंकर ने कहा, एक गोत्र और एक गांव में शादी नहीं हो, कैंसर की खेती छोड़ जैविक खेती की जरूरत पर भी दिया जोर
मंगलवार को जींद में मीडिया से बात करते श्री श्री रवि शंकर। हप्र
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जसमेर मलिक/जींद, 18 फरवरी (हप्र)

Mahakumbh 2025 : मोक्ष केवल महाकुंभ पर संगम में डुबकी लगाने मात्र से नहीं मिल जाता। मोक्ष प्राप्त करने के लिए ज्ञान जरूरी है। एक गांव और एक गोत्र में शादी नहीं होनी चाहिए। नस्ल बचाने के लिए जरूरी है कि एक गांव और एक गोत्र में शादी नहीं हो और युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखा जाए। कैंसर की खेती को ना करना है और जैविक खेती को अपनाना है।

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यह बड़ी बातें मंगलवार दोपहर बाद जींद की श्रीधाम सोसाइटी में आयोजित फसल बचाओ, नस्ल बचाओ महासम्मेलन में पहुंचे आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने मीडिया से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि एक गोत्र और एक शादी में गांव में शादी नहीं करना कोई रूढ़िवाद नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक रूप से सही है।

खाप पंचायतों की हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की इस मांग का वह समर्थन करते हैं। श्री श्री रविशंकर ने महाकुंभ पर संगम में डुबकी लगाने से मोक्ष मिलने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि संगम में डुबकी लगाने मात्र से मोक्ष नहीं मिल जाता। मोक्ष के लिए ज्ञान जरूरी है। महाकुंभ में जो संत महात्मा आए हैं, उनका ज्ञान ही मोक्ष प्राप्त करने का रास्ता है।

महाकुंभ के दौरान भगदड़ और दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में अनेक लोगों की मौत पर श्री श्री रविशंकर ने कहा कि यह बेहद दुखद है। फिर भी इतने बड़े आयोजन में व्यवस्थाएं अच्छे तरीके से की गई हैं। श्री श्री रवि शंकर ने हरियाणा को पहलवानों और खिलाड़ियों की धरती बताते हुए कहा कि यह सिलसिला जारी रहना चाहिए। खेती बचाने को लेकर श्री श्री रविशंकर ने कहा कि अब किसानों को कैंसर की खेती छोड़कर जैविक खेती अपनानी होगी।

फसलों में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग को अब छोड़ना होगा। युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए जागरूकता अभियान बहुत जरूरी है। इस मौके पर विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण मिड्ढा ने भी नशा मुक्ति पर जोर दिया। मंगलवार के आयोजन को सफल बताते हुए आयोजक मंडल के सदस्य दयाकिशन गिल ने कहा कि श्री श्री रविशंकर जी को सुनने और देखने के लिए हजारों लोगों की भारी भीड़ पहुंची। यह सम्मेलन हर लिहाज से ऐतिहासिक रहा।

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