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महाकुंभ : प्रयागराज हवाई अड्डे ने बनाया रिकॉर्ड, यात्रियों की संख्या 3 लाख पार

प्रयागराज, 24 फरवरी (एजेंसी) प्रयागराज में एक छोटा हवाई अड्डा है जिसका उपयोग मामूली हवाई यातायात और सीमित संख्या में यात्रियों को संभालने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन इन दिनों यहां से अमीर और मशहूर लोगों के लिए...
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प्रयागराज, 24 फरवरी (एजेंसी)

प्रयागराज में एक छोटा हवाई अड्डा है जिसका उपयोग मामूली हवाई यातायात और सीमित संख्या में यात्रियों को संभालने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन इन दिनों यहां से अमीर और मशहूर लोगों के लिए प्रतिदिन औसतन लगभग 40 ऐसे विशेष और निजी विमानों का संचालन किया जा रहा है, जिनकी उड़ान पहले से निर्धारित नहीं होती। सप्ताहांत के दिनों में ऐसे विमानों की संख्या 70 तक पहुंच जाती है। महाकुंभ के लिए उमड़ रही लोगों की भीड़ को इसका श्रेय देना होगा। इस महाकुंभ को सदी का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन बताया जा रहा है।

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भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये आंकड़े पहले से निर्धारित औसतन 148 वाणिज्यिक यात्री विमानों से परे हैं, जो पहले के मुकाबले अब 7 गुना से भी अधिक हैं। ये विमान हर दिन हवाई पट्टी से उड़ान भरने के साथ ही इस हवाई अड्डे से यात्रियों की आवाजाही का रिकॉर्ड भी बना रहे हैं। ये रिकॉर्ड महाकुंभ की शुरुआत के बाद से बार-बार टूटता रहा है। इस तरह का नवीनतम रिकॉर्ड 21 फरवरी को दर्ज किया गया था, जब एक ही दिन में 236 उड़ानों से 24,512 यात्री हवाई अड्डे पर पहुंचे और वहां से रवाना हुए। उन्होंने कहा कि सामान्य समय में हवाई अड्डे से करीब 20 पूर्व निर्धारित उड़ानें आती-जाती हैं, जिनमें 1000 से भी कम यात्री होते हैं।

प्रयागराज हवाई अड्डे के निदेशक मुकेश चंद्र उपाध्याय ने बताया, ‘‘हमने 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान के बाद से हवाई यातायात में अचानक वृद्धि देखी। हाल ही में राजस्थान से करीब 180 राजनेताओं का दल हवाई अड्डे पर पहुंचा, जिन्होंने कुंभ में स्नान के लिए विशेष विमान का उपयोग किया। भारतीय वायु सेना और एएआई द्वारा संयुक्त रूप से संचालित प्रयागराज हवाई अड्डे का निर्माण 1931 में पूरा हुआ था और इसे 2019 से पहले एक नए सिविल टर्मिनल के साथ अद्यतन किया गया था। वर्तमान में यह हवाई अड्डा ‘सीएटी 2 इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम' के साथ रात में उतरने की सुविधा मुहैया कराने का दावा करता है। उपाध्याय ने कहा, ‘‘हम अब रात भर काम कर रहे हैं और सूर्यास्त के बाद लगभग 7 से 8 विमानों के उतरने और उनके उड़ान भरने की व्यवस्था को संभाल रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि कुंभ 2019 के दौरान हवाई अड्डे पर एक लाख से भी कम यात्रियों की आवाजाही रही थी, लेकिन इस बार के महाकुंभ के दौरान हवाई अड्डे पर आने वाले यात्रियों की संख्या पहले ही 3 लाख पार कर चुकी है और महा शिवरात्रि के पवित्र स्नान के बाद 26 फरवरी को आधिकारिक रूप से समागम समाप्त होने तक इसमें उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।

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