महाकुंभ ग्लैमर और पांच सितारा संस्कृति का अड्डा नहीं : महंत धर्मेंद्र
महाकुंभ नगर, 9 फरवरी (एजेंसी)
उदासीन अखाड़ा बंधुआ कला शिविर के प्रमुख और अखिल भारतीय उदासीन संप्रदाय संगत के सभापति महंत धर्मेंद्र दास ने कहा कि महाकुंभ ग्लैमर और पांच सितारा संस्कृति का अड्डा नहीं, यह संतों, श्रद्धालुओं और सनातन की आस्था का संगम है। इतने साधु संतों की सेवा को छोड़कर मीडिया ऐसे लोगों का प्रचार करे तो दोष तो मीडिया का है। मीडिया घराने ऐसा क्यों कर रहे हैं, इस पर उन्हें चिंतन करना चाहिए। महंत ने महाकुंभ में मॉडल से साध्वी बनीं हर्षा रिछारिया, माला बेचने वाली मोनालिसा और अन्य व्यक्तियों की चर्चा पर पूछे जाने पर यह टिप्पणी की। प्रयागराज में त्रिवेणी रोड मेला स्थल के सेक्टर-20 स्थित शिविर में मौजूद धर्मेन्द्र दास ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत विपक्षी दलों के महाकुंभ में कुप्रबंधन के बयान पर कहा कि ये मेला है, फाइव स्टार होटल नहीं। कष्ट उनको नहीं है जो गंगा की रेत में समय व्यतीत कर लेते हैं और सुबह भजन करते हुए स्नान करके लौट जाते हैं, कष्ट उनको है जो फाइव स्टार सेवा चाहते हैं।
पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी समेत कई लोगों को महामंडलेश्वर बनाने और कुछ को हटाने पर कहा कि महामंडलेश्वर और मंडलेश्वर का पद अखाड़ों के संतों से परामर्श के बाद दिया जाता है। यदि कोई महान विद्वान है और उसकी सेवा सराहनीय है तो उसे मंडलेश बनाया जाता है। मंडलेश्वर की उपाधि अस्थायी होती है और यदि कोई गलत काम करता है तो अखाड़े को उसे वापस लेने का भी अधिकार है। दास ने मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को महाकुंभ में भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत पर कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने कड़ी मेहनत की, लेकिन अधिकारी अति विशिष्ट व्यक्तियों की आवाजाही में व्यस्त दिखे और आम श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए उनके पास समय नहीं था। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों पर पानी फेर दिया।