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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ से पहले गंगा नदी की निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री प्रयास करें: कांग्रेस

महाकुंभ से पहले गंगा नदी की निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री प्रयास करें: कांग्रेस
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नई दिल्ली, 9 दिसंबर (भाषा)

Maha Kumbh 2025: कांग्रेस ने सोमवार को उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारों पर गंगा नदी को ‘अपिवत्र' करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रयागराज में 13 जनवरी से आरंभ हो रहे महाकुंभ से पहले यह सुनिश्चित होना चाहिए कि गंगा की पवित्रता और निर्मलता बरकरार रहे तथा लोग बिना किसी दिक्कत के स्नान कर सकें।

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कांग्रेस नेता अभय दुबे ने यह भी कहा कि इसमें प्रधानमंत्री को खुद प्रयास करना चाहिए। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से होगी और इसका समापन 26 फरवरी को होगा। अभय दुबे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मान्यता है कि जहां भी कुंभ आयोजित होता है, वहां अमृत्व होता है, लेकिन भाजपा सरकार ने हमारी संस्कृति के साथ खिलवाड़ किया है। एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) की प्रमुख पीठ के छह नवबंर 2014 को पारित आदेश में 30 अक्टूबर 2014 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने का जिक्र था। उस रिपोर्ट में पता चला कि प्रयागराज की नगर पालिका निगम के परिक्षेत्र में नालों के पानी के शोधन के लिए केवल 340 एमलडी की क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं।''

उन्होंने दावा किया कि करीब 12 करोड़ 80 लाख लीटर गटर का पानी सीधे गंगा में डाला जा रहा है, जो कि जघन्य पाप है।    दुबे ने कहा, ‘‘उत्तराखंड के लिए एनजीटी ने जब गंगोत्री के एक एमएलडी पानी की जांच की तो बड़े पैमाने पर क्वालीफॉर्म बैक्टीरिया मिला। इसका अर्थ है कि भाजपा सरकार ने गंगा के उद्गम को ही अपवित्र कर दिया।

उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड में भी 195 एमएलडी सीवरेज गंगा में मिलाया जा रहा है, यानी 19 करोड़ 50 लाख लीटर नाला/गटर का पानी हर दिन उत्तराखंड में गंगा में जा रहा है।  दुबे ने सवाल किया कि क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करोड़ों श्रद्धालुओं को भरोसा दिला सकते हैं कि गंगा का पानी कुंभ तक स्नान के लायक हो जाएगा?

उन्होंने कहा, ‘‘महाकुंभ से पहले गंगा की पवित्रता बरकरार रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी प्रयास करना चाहिए और इस पवित्र नदी की पवित्रता के साथ भाजपा की सरकारों में जो हुआ है उसके निए उन्हें क्षमा मांगनी चाहिए।''

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