Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Maha Kumbh 2025 : करोड़ों तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है प्रदूषित गंगा जल

Polluted Ganga water can affect the health of millions of pilgrims
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

नई दिल्ली, 6 दिसंबर (भाषा)

Maha Kumbh 2025 : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि प्रयागराज में गंगा नदी में ‘सीवेज' के प्रवाह को रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो महाकुंभ मेले में आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा।

Advertisement

चालीस दिवसीय महाकुंभ मेला में दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यह 14 जनवरी को मकर संक्रांति स्नान से शुरू होगा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान के साथ समाप्त होगा।

हरित निकाय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें दावा किया गया है कि शहर के रसूलाबाद से संगम (गंगा-यमुना संगम) तक आठ किलोमीटर के क्षेत्र में 50 नालों से गंगा नदी में सीवेज गिर रहा है। एनजीटी ने इस साल सितंबर में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के अधीन एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था और उसे 23 नवंबर तक निवारक उपायों के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 29 नवंबर के आदेश में कहा, "उच्चस्तरीय समिति ने ऐसी कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं की है और न ही रिपोर्ट दाखिल करने या समय बढ़ाने की मांग करते हुए उससे कोई लिखित अनुरोध प्राप्त हुआ है।" पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल हैं।

एनजीटी ने कहा, ‘‘मुद्दा कुंभ मेले के शुरू होने से पहले गंगा नदी में अनुपचारित सीवेज के प्रवाह को रोकने से संबंधित है। करोड़ों लोग मेले में आएंगे और अगर नदी में अनुपचारित सीवेज के प्रवाह को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया तो उनका स्वास्थ्य प्रभावित होगा।''

पीठ ने कहा कि राज्य के वकील के अनुरोध पर विचार करते हुए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है। मामले में अगली सुनवाई नौ दिसंबर को होगी।

Advertisement
×