पुणे, 22 जुलाई (एजेंसी)
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित लोनार झील का पानी ‘हालोआर्चिया’ जीवाणुओं की बड़ी संख्या में मौजूदगी के कारण गुलाबी हुआ है। पुणे स्थित एक संस्थान ने यह निष्कर्ष निकाला है। आगरकर अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. प्रशांत धाकेफाल्कर ने बताया कि ‘हालोआर्चिया’ या ‘हालोफिलिक आर्चिया’ एक ऐसा जीवाणु होता है जो गुलाबी रंग पैदा करता है और यह खारे पानी में पाया जाता है। धाकेफाल्कर और संस्थान के अन्य अनुसंधानकर्ताओं ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट वन विभाग को भेजी है, जिसे विभाग बांबे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ को सौपेंगा। यह पीठ झील का रंग गुलाबी हो जाने संबंधी चिंताओं को लेकर याचिका की सुनवाई कर रही है।
धाकेफाल्कर ने बताया कि इस बात का भी पता लगाया गया कि क्या पानी का रंग स्थायी रूप से गुलाबी हो गया है। धाकेफाल्कर ने कहा-हमने नमूना जल को कुछ देर के लिए रख दिया और हमने पाया कि जैव भार पानी के नीचे पहुंच गया और पानी पारदर्शी हो गया। वैज्ञानिकों ने कहा कि बारिश की वजह से खारापन कम होने के कारण झील का पानी पुन: अपने मूल रंग में लौट रहा है। महाराष्ट्र के बुलढाणा में लोनार झील एक लोकप्रिय पर्यटक केंद्र है। करीब 50,000 साल पहले पृथ्वी पर एक धूमकेतु के टकराने से यह अंडाकार झील बनी थी।