Lokpal Controversy : लोकपाल की 7 BMW कारों पर गरमाई सियासत, टेंडर निकलने पर बोला विपक्ष- दुखद विडंबना है
लोकपाल की बीएमडब्ल्यू कारों की निविदा पर विपक्ष ने कहा: दुखद विडंबना है
Lokpal Controversy : विपक्ष ने भ्रष्टाचार निरोधक संस्था लोकपाल द्वारा सात लग्जरी बीएमडब्ल्यू कारों की खरीद के लिए निविदा जारी किए जाने को लेकर बुधवार को उस पर निशाना साधा और कहा कि यह दुखद विडंबना है कि ईमानदारी के रक्षक विलासिता के पीछे भाग रहे हैं। लोकपाल ने सात लक्जरी बीएमडब्ल्यू कारों की खरीद के लिए एक निविदा जारी की है, जिनकी कुल कीमत लगभग पांच करोड़ रुपये है।
लोकपाल में वर्तमान में एक अध्यक्ष और छह सदस्यों सहित सात सदस्य हैं, जबकि स्वीकृत सदस्यों की संख्या आठ है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाया कि जब उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को साधारण सेडान कारें दी जाती हैं, तो लोकपाल के अध्यक्ष और छह सदस्यों को बीएमडब्ल्यू कारों की आवश्यकता क्यों है?
चिदंबरम ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "इन कारों को खरीदने के लिए जनता का पैसा क्यों खर्च किया जाए? मुझे उम्मीद है कि लोकपाल के कम से कम एक या दो सदस्यों ने इन कारों को लेने से इनकार कर दिया होगा, या करेंगे।" कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने भी इस कदम की आलोचना की और लोकपाल पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, "मैंने लोकपाल संबंधी संसदीय समिति की अध्यक्षता की थी। डॉ. एल.एम. सिंघवी ने पहली बार 1960 के दशक की शुरुआत में लोकपाल का विचार रखा था। यह देखना कि भ्रष्टाचार विरोधी संस्था अब अपने सदस्यों के लिए बीएमडब्ल्यू मंगवा रही रही है, एक दुखद विडंबना है, क्योंकि ईमानदारी के पहरेदार विलासिता के पीछे भाग रहे हैं।" तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा, "लोकपाल की विलासिता।
"The Lokpal of India invites open tenders from reputed Agencies for supply of seven BMW 3 Series Li Cars to the Lokpal of India."
Gazab ka Jokepal at Indian taxpayers expense.
Oh btw what happened to Swadesi call by GoI? https://t.co/pdhZDVZckn
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) October 21, 2025
भारत के लोकपाल का वार्षिक बजट 44.32 करोड़ रुपये है। अब, लोकपाल सभी सदस्यों के लिए लगभग 5 करोड़ रुपये में 7 लग्ज़री बीएमडब्ल्यू कारें खरीद रहा है। यह पूरे वार्षिक बजट का 10 प्रतिशत है।" उन्होंने कहा, "लोकपाल कथित तौर पर एक भ्रष्टाचार विरोधी संस्था है। तो फिर भ्रष्ट लोकपाल की जांच कौन करेगा?" शिवसेना (उबाठा) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी लोकपाल की आलोचना की। उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "भारतीय करदाताओं के खर्च पर गज़ब का 'जोकपाल'। भारत सरकार के स्वदेशी वाले आह्वान का क्या हुआ?"

