Lok Sabha: वेणुगोपाल बोले- ‘वोट चोरी' हमेशा नहीं चलेगी, लोकतंत्र को बचाने के लिए देश में आंदोलन होगा
Discussion on electoral reforms: कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग पर ‘‘तटस्थ अंपायर'' नहीं होने का आरोप लगाया और दावा किया कि ‘वोट चोरी' हमेशा के लिए नहीं चलने वाली हैं क्योंकि देश में लोकतंत्र...
Discussion on electoral reforms: कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग पर ‘‘तटस्थ अंपायर'' नहीं होने का आरोप लगाया और दावा किया कि ‘वोट चोरी' हमेशा के लिए नहीं चलने वाली हैं क्योंकि देश में लोकतंत्र बचाने के लिए आंदोलन होगा।
उन्होंने लोकसभा में, चुनाव सुधारों पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और निर्वाचन आयोग का इस्तेमाल कर देश में हमेशा शासन करेंगे। वेणुगोपाल ने दावा किया कि हाल के वर्षों में निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में स्पष्ट किया था कि निष्पक्ष चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग का तटस्थ होना जरूरी है। वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार ने इसके उलट किया और मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) एवं निर्वाचन आयुक्तों के चयन की समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर कर दिया।
उन्होंने विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘आपने बहुत सारे तमाशे किए, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के सवालों के जवाब नहीं दिए....आप (सरकार) में अपराधबोध का भाव है।'' कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘तटस्थ अंपायर कहां हैं?'' उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव से एक दिन पहले लोगों के खातों में पैसे डाल दिए जाते हैं...क्या यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है?''
उन्होंने कई बीएलओ (बूथ स्तरीय अधिकारी) की कथित खुदकुशी का मुद्दा उठाया और कहा कि इनके परिवारों को कौन जवाब देगा? वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘जब भी कोई चुनाव सुधार होता है तो राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किया जाता है। केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर निर्वाचन आयोग से कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया को स्थगित की जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।''
उन्होंने सवाल किया कि निर्वाचन आयोग किसके लिए काम कर रहा है? वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘इनको (भाजपा) लगता है कि ईडी, सीबीआई और निर्वाचन आयोग का इस्तेमाल करके देश में हमेशा के लिए शासन करेंगे। लेकिन भारत अंग्रेजों के शासन के खिलाफ भी लड़ा था। आखिरकार जनता फैसला करेगी।'' उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र को बचाने के लिए आंदोलन होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह वोट चोरी हमेशा नहीं चलेगी।'' वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के खातों को फ्रीज कर दिया गया और यह सिर्फ इसलिए किया गया कि आयकर रिटर्न भरने में दो सप्ताह का विलंब हो गया था। क्या किसी लोकतंत्र में इसकी कल्पना की जा सकती है।'' उन्होंने दावा किया कि चुनावों से पहले विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जाता है।
बिरला ने लोकसभा में कहा: मंत्री सदस्यों से हाथ मिलाते हुए सदन से नहीं जाएं
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को सदन में कुछ सदस्यों के खड़े होकर आपस में बातचीत करने को लेकर आपत्ति जताई और कहा कि सदस्य ऐसा नहीं करें तथा मंत्री भी सदस्यों से हाथ मिलाते हुए सदन से बाहर नहीं जाएं। उन्होंने सदन में प्रश्नकाल खत्म होने के तत्काल बाद उस वक्त यह टिप्पणी की, जब वह कुछ सदस्यों के कार्यस्थगन के नोटिस को अस्वीकार किए जाने का उल्लेख कर रहे थे।
बिरला ने कुछ सदस्यों के खड़े होकर बात करने पर आपत्ति जताई। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सदस्य खड़े होकर बात नहीं करें। मंत्री गण भी (सदस्यों से) हाथ मिलाते हुए सदन से नहीं जाएं।'' बिरला का कहना था, ‘‘हमें संसदीय परंपराओं के पालनीय नियमों को कई बार पढ़ना चाहिए। हमेशा प्रयास करना चाहिए कि संसद की गरिमा को बरकरार रखने के लिए इन नियमों का पालन करें।''
इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने कुछ टिप्पणी की। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आप बैठिए, आपको नए सदस्यों का मार्गदर्शन करना चाहिए। आप बैठे-बैठे बहुत बोलते हैं।''

