Lok Sabha : नवीन जिंदल ने विदेशों में रहने वाले 1.5 करोड़ भारतीयों के अधिकार को लेकर उठाई आवाज, कहा- शुरू हो ‘ई-वोटिंग’
देश के भीतर करोड़ों लोग नौकरी, पढ़ाई और मजदूरी के कारण अपने गृह क्षेत्र से दूर रहते हैं
लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल ने बुधवार को वह मुद्दा उठा दिया, जिसे लंबे समय से करोड़ों भारतीय महसूस तो करते हैं, पर आवाज कोई नहीं उठाता - देश मतदान करता है, पर करोड़ों भारतीय मतदान से बाहर रह जाते हैं। उन्होंने सरकार और चुनाव आयोग से मांग की कि भारत अब ई-वोटिंग और एब्सेंटी वोटिंग जैसे आधुनिक विकल्प अपनाए, ताकि वोट डालना सिर्फ अधिकार नहीं बल्कि बिना बाधा के उपलब्ध सुविधा बन सके।
जिंदल ने कहा कि जब देश ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को नया रूप दे चुका है, तब ईज ऑफ वोटिंग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 1.5 करोड़ से ज्यादा भारतीय विदेशों में रहते हैं, पर मतदान नहीं कर पाते। देश के भीतर करोड़ों लोग नौकरी, पढ़ाई और मजदूरी के कारण अपने गृह क्षेत्र से दूर रहते हैं। लाखों वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांगजन मतदान केंद्र तक पहुंच नहीं पाते।
यह विडंबना है कि जितने भारतीय वोट डालना चाहते हैं, उनमें से बड़ी संख्या अपनी इच्छा होते हुए भी प्रणाली की वजह से मतदान से वंचित रह जाती है। जिंदल ने तर्क दिया कि भारत डिजिटल टेक्नोलॉजी में दुनिया की अग्रणी शक्ति है। जब भारत हर दिन यूपीआई के जरिए करोड़ों सुरक्षित लेन-देन करता है, जब देश की साइबर सुरक्षा दुनिया में मिसाल है तो सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे बड़ा अधिकार ‘वोट’ तकनीक से क्यों न जुड़ सके। सुरक्षित रिमोट वोटिंग से वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन, विदेशों में रहने वाले भारतीय, प्रवासी मजदूर और लगातार यात्रा करने वाले प्रोफेशनल आसानी से मतदान कर पाएंगे।
जिंदल ने एस्टोनिया, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, मेक्सिको जैसे देशों का उदाहरण दिया, जहां ई-वोटिंग और रिमोट वोटिंग पहले से लागू है। भारत अगर डिजिटल दुनिया का नेता है, तो लोकतंत्र के डिजिटल मॉडल में भी नेतृत्व करना चाहिए। हर चुनाव में लगभग एक-तिहाई भारतीय वोट ही नहीं डाल पाते। तकनीक इस दूरी को खत्म कर सकती है और चुनाव प्रक्रिया को अधिक प्रतिनिधिक बना सकती है।
जिंदल ने कहा कि वैश्विक प्रणालियों का अध्ययन कर भारत को 100 प्रतिशत सुरक्षित, पारदर्शी और विश्वसनीय ई-वोटिंग सिस्टम विकसित करना चाहिए, जिससे पात्र मतदाता मतदान दिवस से कम से कम एक सप्ताह पहले कहीं से भी वोट डाल सकें।

