नयी दिल्ली, 9 दिसंबर (एजेंसी)
लोकसभा ने केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन संशोधन विधेयक को बृहस्पतिवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें सार्वजनिक हित में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तथा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशकों के कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष बढ़ाने और पांच वर्ष की अवधि तक उसे विस्तार दिये जाने का प्रावधान है। अभी तक इनके कार्यकाल की सीमा दो वर्ष थी।
निचले सदन में विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते कार्मिक, लोक शिकायत, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इस विधेयक को लाने का मकसद यह है कि इससे जुड़े मुद्दों का वृहद अंतरराष्ट्रीय प्रभाव है क्योंकि विदेशी धनशोधन के मामले जुड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने भी यह सुझाव दिया है कि देशों को अपनी क्षमताओं को बढ़ाना चाहिए और एजेंसियों में उच्च मानदंडों को स्थापित करना चाहिए।
जितेन्द्र सिंह ने विपक्ष के कुछ सदस्यों की टिप्पणियों के हवाले से कहा कि इस विधेयक को बिना पढ़े ही निष्कर्ष निकाला जा रहा है और भ्रमित करने वाला बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक कानून में कार्यकाल के संबंध में केवल न्यूनतम सीमा तय थी और कार्यकाल को लेकर कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की गई थी, हमने इसकी सीमा पांच वर्ष तय कर दी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसी भी देश की ऐसी एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के कार्यकाल की सीमा दो वर्ष नहीं है। सिंह ने कहा कि सीबीआई, ईडी के निदेशकों का चयन शीर्ष स्तर की समिति करती है, ऐसे में अगर ऐसी समिति की बुद्धिमता पर भरोसा नहीं होगा, तब कौन फैसला करेगा।
मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने इन विधेयकों से संबंधित अध्यादेशों को निरानुमोदित करने वाले सांविधिक संकल्पों को नामंजूर कर और कुछ विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए ध्वनिमत से ‘केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021′ और ‘दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (संशोधन) विधेयक, 2021′ को मंजूरी दे दी। आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और कांग्रेस के मनीष तिवारी ने सदन में संबंधित अध्यादेशों को निरानुमोदित करने का सांविधिक संकल्प पेश किया था।