ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

Loco Pilot Controversy : रेलवे जांच में चौकाने वाला खुलासा, अधिक काम करने के लिए मजबूर लोको पायलट, हो रही हेरफेर

लोको पायलट अधिक काम करने के लिए मजबूर, काम के घंटों में हो रही हेरफेर: रेलवे जांच में खुलासा
Advertisement

जीवन प्रकाश शर्मा/नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा)

Loco Pilot Controversy : दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा लोको पायलट के काम के घंटों पर की गई जांच में खुलासा हुआ कि चालक दल के अधिकारियों ने ट्रेन संचालन की सुरक्षा से समझौता करते हुए उनको 13 से 15 घंटे तक काम करने के लिए मजबूर किया। नियमों के अनुसार, एक लोको पायलट को लगातार 11 घंटे से अधिक काम करने के लिए नहीं कहा जा सकता है।

Advertisement

यह मामला तब प्रकाश में आया जब सिकंदराबाद (एससी) मंडल के मालगाड़ी के लोको पायलट आर रविशंकर ने यह आरोप लगाते हुए ड्यूटी पर आने से इनकार कर दिया कि उन्हें आराम के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। दक्षिण मध्य रेलवे मुख्यालय द्वारा 22 अप्रैल को जारी एक परिपत्र के मुताबिक सीएमएस (चालक दल प्रबंधन प्रणाली) रिपोर्ट के अनुसार आर रविशंकर ने 13 घंटे 55 मिनट कार्य किया था और जब मंडलों के स्पष्टीकरण से तुलना की गई, तो यह पता चला कि लोको पायलट ने 15 घंटे काम किया है।”

परिपत्र के मुताबिक, “आर रविशंकर (लोको पायलट) ने अपने वास्तविक कार्य घंटे 14:26 होने की पुष्टि की। आरोप लगाया कि सीएमएस में 14 घंटे से अधिक के मामलों की रिपोर्ट होने से बचने के लिए उनके कार्य घंटों में से 31 मिनट की कटौती की गई। रेलवे ने जब सीएमएस रिपोर्ट की जांच शुरू की तो यह देखकर हैरानी हुई कि दक्षिण मध्य रेलवे में 13 घंटे 55 मिनट से लेकर 14 घंटे (एक अप्रैल से 14 अप्रैल 2025) तक लोको पायलटों के काम करने के 620 मामले थे।

इतनी अधिक संख्या में मामले (13:55 से 14:00 के बीच काम के घंटे) दर्शाते हैं कि काम खत्म करके घर जाते समय लोको पायलटों को गलत समय दर्ज करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जांच में विजयवाड़ा मंडल में 42, गुंटकल में 26, गुंटूर व नांदेड़ में 3-3 और हैदराबाद मंडल में एक मामला सामने आया, जहां लोको पायलट 13 घंटे 55 मिनट से लेकिर 14 घंटे तक काम करते थे।

यह एक गंभीर अनियमितता है। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। परिपत्र में चेतावनी दी गई कि ट्रेन परिचालन से संबंधित आंकड़ों में किसी भी तरह की हेराफेरी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsHindi NewsIndian Railwayslatest newsLoco PilotLoco Pilot Controversyदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी समाचार