बारिश की रफ्तार से थमी जिं़दगी
लगातार हो रही बारिश के चलते पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को राहत नहीं मिल पा रही। मंगलवार को भी नदियां उफान पर रहीं। कई इलाके जलमग्न होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। हरियाणा के कई क्षेत्रों में भी बारिश के चलते सड़कें लबालब रहीं। खासकर, गुरुग्राम में लोगों को जलभराव एवं यातायात जाम की समस्या से जूझना पड़ा। वहीं, युमना में उफान के चलते हथिनीकुंड बैराज से सुबह फिर 1.76 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हरियाणा के यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद सहित कुछ जिलों में यमुना के जलग्रहण क्षेत्र में आने वाले गांवों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। वहीं, दिल्ली में यमुना का पानी कई घरों में घुस गया। यमुना किनारे रहने वाले कई लोगों को अपने घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। उधर, हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश के कारण जनजीवन ठहरा रहा। शिमला-कालका रेलमार्ग पर रेल सेवा स्थगित कर दी गई। राज्य में छह राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 1311 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं और स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई। इधर, चंडीगढ़ में 40.8 मिमी बारिश हुई।
हरियाणा का मानवीय हाथ : पंजाब और जम्मू-कश्मीर को 10 करोड़ की मदद
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : पंजाब और जम्मू-कश्मीर में संकट की घड़ी में हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच-पांच करोड़ रुपये की मदद भेजी है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पंजाब के सीएम भगवंत मान को पत्र भी लिखा है। सीएम सैनी ने कहा कि हम सभी प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़े हैं। कठिन समय है, लेकिन हम हर संभव सहायता के लिए तत्पर हैं। आगे भी सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि आपदा की इस घड़ी में केवल आर्थिक मदद ही नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सहयोग भी जरूरी है। प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदनशीलता और तुरंत राहत पहुंचाने के प्रयास हरियाणा की प्राथमिकता में हैं। हरियाणा की पहल ने यह संदेश दिया कि राज्य अपनी सीमाओं से परे भी मानवता की मदद के लिए आगे बढ़ सकता है। हरियाणा के नागरिकों ने भी प्रभावित परिवारों की सहायता में अपनी भागीदारी दिखाई है। विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं और नागरिक समूहों ने राहत कार्यों में हाथ बंटाया और जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने में सहयोग किया।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव से पहुंचे सीएम मान
फिरोजपुर (निस) : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए मंगलवार को फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का नाव से दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य आपदा राहत कोष में पर्याप्त फंड हैं, लेकिन गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत मौजूदा मानक किसानों, पशुपालकों और अन्य वर्गों को हुए नुकसान के अनुरूप पर्याप्त मुआवजा देने में बाधा हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मुआवजे के मानकों में संशोधन की मांग की। मान ने कहा कि किसानों को कम से कम 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि बाढ़ से मरने वालों के परिवारों के लिए एक्स-ग्रेशिया राशि 4 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये तक की जाये। मान ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें कम करने में जुटी हुई है। भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण दस से अधिक जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। उन्होंने कहा कि हालात अभी भी बिगड़ रहे हैं और आने वाले दिनों में बदतर हो सकते हैं। मान ने कहा कि मौजूदा समय में तीन लाख एकड़ खेत डूबे हुए हैं। पशुधन का भी बहुत नुकसान हुआ है।
वैष्णो देवी यात्रा आठवें दिन भी स्थगित, हाईवे भी बंद
श्री माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा मंगलवार को लगातार आठवें दिन भी स्थगित रही, जिससे कटरा आधार शिविर और गुफा मंदिर तक का मार्ग पूरी तरह सूना दिखाई दिया। उधर, कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को फिर से बंद कर दिया गया है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा स्थगित, नदियां उफान पर
उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी है। राज्य में अधिकांश नदियां उफान पर हैं। यहां चारधाम यात्रा को पांच सितंबर तक स्थगित कर दिया गया है। कई जगह शिक्षण संस्थान भी बंद हैं।