अदाणी समूह में एलआईसी के निवेश पर मचा बवाल
भारतीय जीवन बीमा निगम ने कहा- यह बोर्ड का स्वतंत्र फैसला, कांग्रेस ने की पीएसी जांच की मांग
अदाणी समूह में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के बड़े निवेश के मामले में सियासी बवाल मच गया है। तूल पकड़ते देख एलआईसी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि अदाणी समूह की कंपनियों में उसका निवेश स्वतंत्र रूप से और बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों के अनुसार, विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद किया गया है।
एलआईसी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग या किसी अन्य निकाय की ऐसे (निवेश) फैसलों में कोई भूमिका नहीं है।’ सरकारी बीमा कंपनी का यह खंडन उस समय आया है जब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) से एलआईसी की जांच करने की मांग की थी। ‘वाशिंगटन पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने बाज़ारों में भारी गिरावट के बाद अदाणी समूह की प्रतिभूतियों में निवेश किया था।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि अदाणी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए एलआईसी के 30 करोड़ पॉलिसीधारकों की बचत का ‘व्यवस्थित रूप से दुरुपयोग’ किया गया। असल में विपक्षी दल का यह हमला वाशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि भारतीय अधिकारियों ने लगभग 33,000 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया और उसे पारित कराया।
इस बीच, एलआईसी के बयान में आगे कहा गया है, ‘एलआईसी ने जांच-पड़ताल के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित किया और सभी निवेश फैसले मौजूदा नीतियों, प्रावधानों और नियामक दिशानिर्देशों के अनुपालन में, इसके सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में लिए गए हैं।’ वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अधिकारियों ने इस साल की शुरुआत में अदाणी समूह में निवेश करने के लिए एलआईसी को प्रेरित करने की योजना बनाई थी, जब बंदरगाहों से लेकर ऊर्जा तक का कारोबार करने वाला यह समूह अमेरिका में भारी कर्ज और जांच का सामना कर रहा था। रिपोर्ट में एलआईसी द्वारा मई 2025 में अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड (एपीएसईजेड) में 57 करोड़ डॉलर के निवेश पर प्रकाश डाला गया है, जिसकी भारत में सर्वोच्च ‘एएए’ क्रेडिट रेटिंग है। एलआईसी ने अपनी सफाई में कहा, ‘निर्णय लेने की प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने तथा एलआईसी की प्रतिष्ठा और छवि तथा भारत में वित्तीय क्षेत्र की मजबूत नींव को धूमिल करने के इरादे से बयान दिए गए हैं।’

