नवीन पांचाल/ हप्र
गुरुग्राम, 29 जनवरी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शनिवार देर रात एक्शन मोड में दिखाई दिए। उन्होंने दो सिविक एजेंसियों के कार्यालयों पर छापेमारी की। उन्होंने मौके पर ही अधिकारियों से जवाब तलब किया और विभिन्न विषयों पर रिपोर्ट मांगी। मुख्यमंत्री ने सिविक एजेंसियों के कार्यों पर नाराजगी भी जताई।
रात करीब 10 बजे मुख्यमंत्री खट्टर अपनी टीम के सदस्य अभिमन्यु राव और अमित आर्य के साथ अचानक सेक्टर-39 स्थित नगर निगम कार्यालय पहुंचे। उन्होंने डीएमसी विजयपाल यादव को मौके पर बुला लिया और शहर की सड़कों की सफाई करने वाली स्वीपिंग मशीनों के बारे में पूछताछ की। उन्होंने डीएमसी से पूछा कि स्वीपिंग मशीन है कहां और किस लोकेशन पर किस तरीके से काम कर रही है, इसकी जानकारी किसके पास होती है और इस जानकारी को किस तरह से कार्यालय में बैठकर देखा जा सकता है। उन्होंने कार्यालय में मौजूद स्टाफ से हाजिरी रजिस्टर मांगा, लेकिन कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। नाराज मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 स्वीपिंग मशीनों के लिए करोड़ों रुपये का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन इनके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं होना बेहद गंभीर विषय है। उन्होंने निगम कमिश्नर मुकेश कुमार आहूजा को फोन करके नाराजगी प्रकट की। वह मशीनों द्वारा की जाने वाली साफ-सफाई व्यवस्था देखने के लिए काफी दूर तक सड़कों पर पैदल भी घूमे, लेकिन उन्हें कहीं कोई मशीन दिखाई नहीं दी।
इसके बाद मुख्यमंत्री हूडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के पास स्थित गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) कार्यालय पहुंचे। उन्होंने यहां की व्यवस्था देखी और जीएमडीए से संबंधित कार्यों के बारे में जानकारी ली। जीएमडीए कार्यालय में मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया। इस सेंटर से गुरुग्राम की विभिन्न सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे जुड़े हैं। मुख्यमंत्री ने वहां तैनात कर्मचारियों से जानकारी ली कि चाेरी हुए वाहनों को इस सेंटर से कैसे पकड़ा जाता है। इस बीच, जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल भी वहां पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, यह संतोषजनक है कि चोरी हुई गांड़ियां इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर डिटेक्ट हो रही हैं। लगभग 200 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार, उन्हें बताया गया कि दिनभर में 32 गाड़ियां ट्रैक की गई हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने सुझाव दिया है कि फेस रिकाग्निशन सिस्टम भी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में शामिल किया जाना चाहिये।