पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 2 दिसंबर
तीन नये कृषि कानूनों को रद्द कराने की जिद पर अड़े किसान आज सरकार के साथ फाइनल बातचीत करने के मूड में हैं। किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर 3 दिसंबर की वार्ता भी विफल रहती है, तो फिर बातचीत का कोई औचित्य नहीं बचेगा। इसके बाद किसान सरकार से आर-पार की लड़ाई शुरू कर देंगे। किसानों ने कहा कि उन्होंने बिल की खामियाें के बारे में सूची तैयार कर ली है। इस पर बैठक के दौरान चर्चा होगी। अगर सरकार उनकी मांग मानती है, तो ठीक, नहीं तो फिर केंद्र सरकार की उलटी गिनती शुरू करेंगे। यहां देर शाम मीडिया से संयुक्त बातचीत में किसान नेता एआई केसीसी काेआर्डिनेशन के अध्यक्ष डा. दर्शनपाल, सदस्य जोगेंद्र यादव, काका शिवजी, योगेंद्र यादव और भाकियू हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने कहा कि सरकार उनको बांटने का प्रयास कर रही थी, लेकिन इसमें कामयाब नहीं हो सकी।
सात दिन से किसान जान दांव पर लगा कर डटे हुए हैं, यही उनकी जीत के लिए ताकत है। किसान नेताओं ने कहा कि मुख्य तौर पर उनकी मांग तीनों कानूनों को वापस लेने, एमएसपी की गारंटी देने, बिजली बिल 2020 और पराली जलाने पर एक करोड़ रुपये जुर्माने का आदेश वापस लेना है। इसके अलावा भी कुछ अन्य मांगें सूचीबद्ध की गई हैं। उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट की बात मानें, तो कानून रद्द किया जा सकता है। इसके लिए एक-एक बिंदू के हिसाब से कानून को रद्द करने के लिए दस्तावेज हैं। इस बीच, प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार को कहा कि नये कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र को संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए।
अन्य राज्यों के किसानों के साथ होगा संयुक्त आंदोलन
किसानों ने कहा कि अगर सरकार नहीं मानती है, तो उनका आंदोलन आर-पार की लड़ाई तक जारी रहेगा। इसके लिए राजस्थान, यूपी, उड़ीसा समेत सभी राज्यों के किसानों को एकजुट कर संयुक्त मोर्चा के बैनर तले संघर्ष करेंगे। किसानों ने कहा कि वे भाकियू नेता राकेश टिकैत से भी मुलाकात कर चुके हैं और सहमति बनी है कि संघर्ष करेंगे और अंबानी व अडानी को जमीन का मालिक नहीं बनने दिया जाएगा। इसके खिलाफ अन्य राज्यों से लोग आंदोलन में समर्थन देने पहुंच रहे हैं। सरकार कानून के फायदे बता रही है और वे कमियां लिखकर सरकार को देंगे।
दिल्ली में सब्जियों की किल्लत
दिल्ली (ट्रिन्यू): दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के जमा होने से भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। किसानों ने दिल्ली-फरीदाबाद रोड को भी जाम करने की चेतावनी दी है। वहीं, सिंघु और टीकरी बॉर्डर के बंद होने से दिल्ली में फल और सब्जियों की कमी होने लगी है। किसान आंदोलन से दिल्ली-एनसीआर के निवासियों की परेशानी बढ़ गई है।
अमित शाह ने की उच्चस्तरीय बैठक
नयी दिल्ली (ट्रिन्यू) : कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान संगठनों और केंद्र सरकार की बृहस्पतिवार को प्रस्तावित बैठक को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए। इसमें किसान संगठनों के साथ मंगलवार को हुई बातचीत पर चर्चा की गई। इसके अलावा बृहस्पतिवार की प्रस्तावित बैठक को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने भी इन कानूनों में कुछ बदलाव की बात कहकर सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है।
आज शाह से मिलेंगे अमरेंद्र सिंह
चंडीगढ़ (एजेंसी) : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह का बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का कार्यक्रम है
स्टेडियमों में जेल की अनुमति न देने से केंद्र नाराज : केजरीवाल
नयी दिल्ली (एजेंसी) : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बुधवार को दावा किया कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए स्टेडियमों को अस्थायी जेल के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति न देने के चलते भाजपा नीत केंद्र सरकार उनसे नाराज है। केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह पर भी हमला किया और कहा कि वह दिल्ली में 3 कृषि कानून ‘पारित किए जाने’ का उन पर आरोप लगाकर ‘भाजपा की भाषा’ बोल रहे हैं। आप सरकार ने पिछले सप्ताह दिल्ली पुलिस को शहर के स्टेडियमों को अस्थायी जेल में परिवर्तित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। केजरीवाल ने कहा,‘इस वजह से भाजपा शासित केंद्र मुझसे नाराज है।’ उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पर ‘गंदी राजनीति’ करने का आरोप लगाया और कहा कि वह उन पर झूठे इल्जाम लगा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने तीन में से एक कानून को अधिसूचित किया है।
केजरीवाल ने कहा,‘पंजाब के मुख्यमंत्री ने मुझ पर तीन काले कानून पारित करने का आरोप लगाया है। वह संकट के इस समय में ऐसी घटिया राजनीति कैसे कर सकते हैं।’
ट्रांसपोर्टरों ने दी परिचालन बंद की धमकी
नयी दिल्ली (एजेंसी) : ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने बुधवार को किसानों का समर्थन किया और उत्तर-भारत में 8 दिसंबर से परिचालन बंद करने की धमकी दी। एआईएमटीसी कोर कमेटी के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह ने कहा कि 8 दिसंबर से हम दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान समेत पूरे उत्तर भारत में आपूर्ति रोक देंगे। यदि सरकार बातचीत में विफल रहती है तो परिचालन बंद को पूरे देश में बढ़ायेंगे।
सरकार ‘बातचीत का ढकोसला’ बंद कर तीनों ‘काले कानून’ खत्म करे : राहुल
नयी दिल्ली (एजेंसी) : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन पर बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार ‘बातचीत का ढकोसला’ बंद कर इन ‘काले कानूनों’ को खत्म करे। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों की आय आधी हो गई, लेकिन सरकार के ‘मित्रों’ की आय चौगुनी हो गई। राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि मोदी सरकार किसानों को जुमले देना बंद करे। बेईमानी अत्याचार बंद करे। बातचीत का ढकोसला बंद करे। किसान-मज़दूर विरोधी तीनों काले क़ानून ख़त्म करे। उन्होंने किसानों के प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि कहा गया था कि किसान की आय दोगुनी होगी, लेकिन ‘मित्रों’ की आय हुई चौगुनी और किसान की हो गई आधी।’
दिल्ली हमारी राजधानी, कराची या लाहौर नहीं : दलाल
भिवानी (हप्र) : हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि कुछ विदेशी ताकतों को देश का विकास और मोदी पसंद नहीं हैं इसलिए वे किसानों को बरगला कर आंदोलन करवा रहे हैं। इन विदेशी ताकतों में चीन, पाकिस्तान व अन्य भारत विरोधी देश शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली हमारी राजधानी है और यहां अपने ही लोग बसते हैं। यह कोई लाहौर या कराची नहीं है। नीतियां सड़क पर नहीं संसद में बनती हैं और कुछ गलत होगा तो जनता समय आने पर बदलाव करेगी। नये कृषि कानूनों के परिणामों के लिए किसानों को 2-3 साल इंतजार करना चाहिए था, बिना परिणाम के किसी चीज का विरोध ठीक नहीं है।