नयी दिल्ली, 15 सितंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के न्यायाधिकरणों (ट्रिब्यूनल) में रिक्त पद नहीं भरे जाने पर बुधवार को नाराजगी व्यक्त की और कहा कि जिस तरह नियुक्तियां की गयी हैं, वे ‘अपनी पसंद के लोगों के चयन’ का स्पष्ट संकेत देती हैं। अदालत ने केंद्र को 2 सप्ताह के भीतर उन न्यायाधिकरणों में नियुक्तियां करने का निर्देश दिया, जहां पीठासीन अधिकारियों के साथ-साथ न्यायिक एवं तकनीकी सदस्यों की भारी कमी है। न्यायालय ने केंद्र से यह भी कहा कि यदि अनुशंसित सूची में शामिल व्यक्तियों को नियुक्त नहीं किया जाता है, तो वह इसका कारण बताए।
चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने कहा कि न्यायाधिकरणों में रिक्तियों के कारण स्थिति ‘दयनीय’ है और वादियों को अधर में नहीं छोड़ा जा सकता।
पीठ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से कहा, ‘जारी किए गये नियुक्ति पत्र इस ओर स्पष्ट संकेत करते हैं कि चयन सूची से अपनी पसंद से 3 लोगों और प्रतीक्षा सूची से अन्य लोगों को चुना गया। चयन सूची में अन्य नामों को नजरअंदाज किया। सेवा कानून में आप चयन सूची को नजरअंदाज करके प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति नहीं कर सकते। यह किस प्रकार का चयन एवं नियुक्ति है?’
चीफ जस्िटस- हमारे सभी प्रयास व्यर्थ जा रहे : वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कहा कि आयकर अपीलीय अधिकरण (आईटीएटी) के लिए खोज एवं चयन समिति ने 41 लोगों की सिफारिश की, लेकिन केवल 13 को चुना गया और यह चयन किस आधार किया गया, यह हम नहीं जानते। पीठ ने कहा, ‘यह कोई नयी बात नहीं है। हर बार की यही कहानी है।’ चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कोविड के दौरान नामों का चयन करने के लिए व्यापक प्रक्रिया का पालन किया और अब सभी प्रयास व्यर्थ जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने देशभर की यात्रा की। हमने इसमें बहुत समय दिया। कोविड के दौरान आपकी सरकार ने हमसे जल्द से जल्द साक्षात्कार लेने का अनुरोध किया। हमने समय व्यर्थ नहीं किया।’
फैसला सरकार को ही करना है तो प्रक्रिया का क्या : चयन समिति द्वारा अनुशंसित नामों को अस्वीकार किए जाने के मामले पर वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार के पास सिफारिशों को स्वीकार नहीं करने का अधिकार है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, ‘हम एक लोकतांत्रिक देश हैं, जहां कानून के शासन का पालन किया जाता है और हम संविधान के तहत काम कर रहे हैं। आप यह नहीं कह सकते कि मैं स्वीकार नहीं करता। यदि सरकार को ही अंतिम फैसला करना है, तो प्रक्रिया की शुचिता क्या है? चयन समिति नामों को चुनने की लिए एक विस्तृत प्रक्रिया का पालन करती है।’ वेणुगोपाल ने पीठ को आश्वासन दिया कि केंद्र खोज और चयन समिति द्वारा अनुशंसित व्यक्तियों की सूची से 2 सप्ताह में न्यायाधिकरणों में नियुक्तियां करेगा।