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भूस्खलन-बाढ़ : नेपाल में 51 और दार्जिलिंग में 20 लोगों की मौत

मूसलाधार बारिश का कहर

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दार्जिलिंग में रविवार को भूस्खलन के बाद जारी बचाव अभियान।-प्रेट्र
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पूर्वी नेपाल में विभिन्न स्थानों पर शनिवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ में 51 लोगों की मौत हो गई। इधर, पश्चिम बंगाल के मिरिक और दार्जिलिंग पहाड़ियों में लगातार बारिश के कारण हुए भारी भूस्खलन में कई बच्चों सहित 20 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। कई घर बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, दूरदराज के कई गांवों का संपर्क टूट गया और सैकड़ों पर्यटक फंस गए। एनडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र में लोगों के मारे जाने की खबर है। नागराकाटा के धार गांव में मलबे से 40 लोगों को बचाया गया, जहां भारी भूस्खलन के कारण कई घर ध्वस्त हो गए।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की, लेकिन राशि का उल्लेख नहीं किया और कहा कि वह सोमवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगी। उन्होंने कहा कि 12 घंटों में 300 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई, जिससे कम से कम सात जगहों पर भयंकर बाढ़ और भूस्खलन हुआ।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौतों पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। पड़ोसी देश को मदद की पेशकश करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘नेपाल में भारी बारिश से हुई जनहानि और क्षति दुखद है। इस कठिन समय में हम नेपाल की जनता और सरकार के साथ हैं। एक मित्रवत पड़ोसी और प्रथम प्रतिक्रियादाता के रूप में, भारत हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।'

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