वांगचुक के संस्थान को भूमि का आवंटन रद्द, सोनम ने ‘बदले की कार्रवाई’ बताया
लद्दाख प्रशासन ने यहां हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लर्निंग (एचआईएएल) को भूमि आवंटन रद्द कर दिया है। इस कदम पर संस्थान के संस्थापक एवं जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वांगचुक ने इस कदम को केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के विस्तार की लोगों की मांग को दबाने के लिए की गई ‘बदले की कार्रवाई’ करार दिया। लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) ने भी इस निर्णय की आलोचना की और कहा कि वे चुप नहीं रहेंगे और इसका खमियाजा ‘हमारी आवाज दबाने’ की कोशिश करने वालों को भुगतना पड़ेगा। कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ मिलकर लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) पिछले चार वर्षों से इन मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रही है। लेह के उपायुक्त रोमिल सिंह डोंक ने 21 अगस्त के अपने आदेश में कहा कि एचआईएएल को आवंटित 1,076 कनाल और एक मरला (53.8 हेक्टेयर से अधिक) भूमि वापस ‘राज्य अर्थात एलएएचडीसी (लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद) के अधीन की जाती है।