राजेश शर्मा/हमारे प्रतिनिधि
फरीदाबाद 4 सितंबर
टोक्यो पैरालंपिक में शनिवार को फरीदाबाद के मनीष नरवाल ने जैसे ही 50 मीटर मिक्स्ड शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता, फरीदाबाद में मनीष के गांव साहूपुरा में जश्न का माहौल बन गया। मनीष के माता-पिता दिलबाग सिंह और संतोष देवी खुशी में ढोल की थाप पर नाचते हुए नजर आए। 19 वर्षीय मनीष नरवाल ने पैरालंपिक का नया रिकॉर्ड बनाते हुए 218.2 स्कोर किया। स्वर्ण पदक जीतने के बाद मनीष ने भी अपने परिवार, कोच और देश के सभी लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इनकी वजह से उन्होंने आज ये पदक जीता है।
स्वर्ण जीतने वाले अर्जुन अवार्डी मनीष नरवाल के माता पिता को हरियाणा के परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने बल्लभगढ़ स्थित उनके घर पहुंच कर बधाई दी और गोल्ड मेडल विजेता मनीष नरवाल के सुनहरे भविष्य की कामना की। इस मौके पर विधायक राजेश नागर सहित इलाके के काफी गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस मौके पर उन्होंने मनीष नरवाल को बधाई दी। इसके अलावा परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने सिंहराज और उनके परिवार को भी रजत मिलने पर ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा कि आज बल्लभगढ़ का नाम देश और दुनिया में छा गया है।
उधर, प्रदेश सरकार ने टोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक विजेता मनीष नरवाल को 6 करोड़ रुपये और रजत पदक विजेता सिंहराज अधाना को 4 करोड़ रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक राजेश नागर, विधायक सीमा तिरखा, विधायक नयनपाल रावत, विधायक नरेंद्र गुप्ता, नीरज शर्मा ने भी फरीदाबाद के बेटे को बधाई दी है
वहीं, पैरालंपिक शूटिंग में रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ी सिंहराज की मां वेदवत्ती (बल्लभगढ़) ने प्रतिक्रिया में कहा है कि मैं बहुत-बहुत खुश हूं। मेरे बेटे सिंहराज ने पूरे देश में नाम रोशन कर दिया, ऐसा शेर है मेरा।
नरवाल के पिता रहते थे चिंतित
मनीष नरवाल जन्म से ही दाएं हाथ से दिव्यांग हैं और उनके पिता दिलबाग सिंह नरवाल भविष्य को चिंतित रहते थे। दिलबाग सिंह के परिवारिक मित्र ने मनीष को शूटिंग प्रशिक्षण दिलाने की सलाह दी। मित्र सलाह मानकर दिलबाग सिंह ने मनीष शूटिंग में डाल दिया। यहां से मनीष की किस्मत ने करवट ली और शूटिंग के दम पर अपनी अलग पहचान बनाई। वर्ष 2019 में हुए शूटिंग वर्ल्ड सर्बिया के रास्तको जोकिक द्वारा वर्ष 2018 में बनाए 228.6 अंक के रिकार्ड को तोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया था।
सिंहराज ने बेहतर अभ्यास के लिए तैयार की शूटिंग रेंज
तिगांव अब बल्लभगढ़ में रह रहे निवासी सिंहराज अधाना दोनों पैरों से दिव्यांग हैंं। एक समय ऐसा था सिंहराज घुटनों पर चलते थे। पांच वर्ष पूर्व हुए आपरेशन के बाद अपने पैरों पर खड़े हो पाए, लेकिन पैरों में वह ताकत नहीं है, जो एक सामान्य व्यक्ति के पैरों में होती है। शूटिंग के से पहले सिंहराज शिक्षण कार्य करके अपनी आजीविका चलाते थे। एक सिंहराज का भतीजा उन्हें अपने साथ अभ्यास के लिए सेक्टर-12 स्थित शूटिंग रेंज ले गया। उस समय सिंह राज ने निशानेबाजी में हाथ अजमाए। सभी निशाने सटीक जगह लगे। यहां से सिंहराज के जीवन में परिवर्तन आया। शूटिंग को ही जीवन समर्पित कर दिया। शुरूआत में काफी परेशानियां भी आई। शूटिंग के अभ्यास के लिए सिंहराज ने अपनी पत्नी के आभूषण तक गिरवी रख दिए थे। सिंह राज की मेहनत और पत्नी का त्याग काम आया और सिंह राज ने एशियाड खेलों में स्वर्ण और वर्ल्डकप में कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। सिंहराज के भाई सुनील की माने, तो लाकडाउन के दौरान सिंहराज पैरालिंपिक की तैयारी नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार से मिली प्रोत्साहन राशि को खर्च करके अपने लिए 10 व 50 मीटर की शूटिंग रेंज तैयार कराई और जमकर अभ्यास किया।