नयी दिल्ली, 16 मार्च (एजेंसी)सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे एवं लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया। इस हिंसा में 4 किसानों सहित 8 लोग मारे गए थे। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
इससे पहले, किसानों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने 12 मार्च को एक प्रमुख गवाह पर हुए हमले का जिक्र किया था। किसान जगजीत सिंह, पवन कश्यप और सुखविंदर सिंह के वकील दवे और प्रशांत भूषण हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को दी गई जमानत रद्द करने की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि हाई कोर्ट ने इस तथ्य पर भी गौर नहीं किया कि शीर्ष अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस पर स्वत: संज्ञान लिया था और एसआईटी का गठन किया था, जिसने जांच के बाद एक विस्तृत आरोप पत्र दाखिल किया था। दवे की दलील सुनने के बाद पीठ ने कहा, ‘हम एक नोटिस जारी करेंगे.. होली की छुट्टी के बाद हम 24 मार्च को याचिका को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करेंगे।’ सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि वह आशीष मिश्रा को जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन करेगा।