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Kolkata Doctor Case : शर्मिंदा हूं, मुझे अकेला छोड़ दो...संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा मिलने पर मां ने खुद को घर में किया कैद

उनके बेटे को जो भी सजा मिलेगी, वह उसका समर्थन करेंगी
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कोलकाता, 20 जनवरी (भाषा)

Kolkata Doctor Case : कोलकाता के आरजीकर अस्पताल की चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सोमवार को आजीवन कारावास की सजा पाने वाले संजय रॉय की मां ने खुद घर में कैद कर लिया। फैसले पर टिप्पणी करने के लिए पत्रकारों से मिलने से इनकार कर दिया। इससे पहले दिन में जब मीडिया के सदस्य शहर में उनकी झुग्गी के सामने एकत्र होने लगे तो 75 वर्षीय महिला ने कहा कि वह "शर्मिंदा" हैं और उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि वे उन्हें अकेला छोड़ दें।

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रॉय की मां मालती ने रविवार को कहा था कि तीन बेटियों की मां होने के नाते वह मृतक डॉक्टर के माता-पिता का दर्द समझ सकती हैं। उनके बेटे को जो भी सजा मिलेगी, वह उसका समर्थन करेंगी। अपनी झुग्गी के दरवाजे पर खड़ी मालती ने कहा था, ‘‘अगर कोर्ट उसे फांसी के फंदे पर लटकाने का फैसला करती है, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी, क्योंकि कानून की नजर में उसका अपराध सिद्ध हो चुका है। मैं अकेले में रोऊंगी, लेकिन इसे नियति का खेल मानकर स्वीकार कर लूंगी।''

सोमवार को न्यायाधीश द्वारा रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के कुछ ही मिनटों बाद उसकी मां ने खुद को घर में बंद कर लिया। बाहर एकत्रित पत्रकारों द्वारा फैसले के बारे में पूछे गए प्रश्नों का कोई जवाब नहीं दिया। कुछ देर बाद, उन्होंने पत्रकारों से चिल्लाते हुए कहा: “मैं कुछ नहीं कहना चाहती। मुझे हर बात के लिए शर्मिंदा हूं। आप कृपया चले जाइए।” फिर उन्होंने मुख्य दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। न तो मालती और न ही संजय रॉय का कोई अन्य रिश्तेदार आज या उससे पहले अदालत में मौजूद था। संजय की तीन बहनों में एक बहन की कई साल पहले मौत हो चुकी है।

मालती की झुग्गी के पास रहने वाली संजय की बड़ी बहन ने शनिवार को कहा, "मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि संजय घटनास्थल पर अकेला नहीं था। क्या अन्य लोग भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल थे, इसकी भी जांच होनी चाहिए। उन्हें सजा मिलनी चाहिए।"झुग्गी के पास जमा हुए पड़ोसियों के एक वर्ग ने कहा कि उनका मानना है कि संजय अकेले अपराध नहीं कर सकता और उसके साथ अन्य लोग भी रहे होंगे, जिनकी अब तक पहचान नहीं हो पाई है।

पड़ोस में रहने वाली उर्मिला महतो ने कहा, “मैंने उसे बड़ा होते हुए देखा है। उसे बॉक्सिंग क्लास में भर्ती कराया गया और 3 साल पहले कोलकाता पुलिस की नागरिक स्वयंसेवक शाखा में शामिल किया गया था। उसके बाद, वह कोलकाता पुलिस बैरक में चला गया और हमने उसे इलाके में नहीं देखा।" बॉक्सिंग क्लब में शामिल होने के बाद वह शराब पीने लगा और बुरी संगत में पड़ गया। हालांकि, यह अकल्पनीय था कि उसे एक महिला के साथ बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराया जाएगा।"

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