Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Kisan Mahapanchayat : SKM का आरोप- डल्लेवाल के अनशन की अनदेखी कर रहा केंद्र, प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने की जरूरत

संगठन ने की 13 जनवरी को मसौदा नीति की प्रतियां जलाने की घोषणा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़, 9 जनवरी (भाषा)

Kisan Mahapanchayat : संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने केंद्र सरकार पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। साथ ही सरकार से प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने का आग्रह किया।

Advertisement

26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा

मोगा में आयोजित किसान महापंचायत में एसकेएम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति रूपरेखा (एनपीएफएएम) का मसौदा ‘अब निरस्त हो चुके तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने का एक खतरनाक तरीका है।' संगठन ने 13 जनवरी को मसौदा नीति की प्रतियां जलाने और 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की। एसकेएम ने एनपीएफएएम के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए एक सप्ताह के भीतर दूसरी ‘किसान महापंचायत' आयोजित की, जिसमें आरोप लगाया गया कि अगर इसे लागू किया गया तो यह मंडी व्यवस्था को ‘नष्ट' कर देगा।

छह सदस्यीय समिति करेगी सीमाओं का दौरा

पहली ‘महापंचायत' चार जनवरी को हरियाणा के टोहाना में आयोजित की गई थी। नेताओं ने कृषि विपणन पर मसौदा नीति को खारिज करने के लिए राज्य विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने के लिए पंजाब में सत्तारूढ़ आप सरकार पर भी हमला बोला। संगठन ने ‘एकता प्रस्ताव' भी पारित किया और कहा कि एसकेएम की छह सदस्यीय समन्वय समिति 10 जनवरी को खनौरी और शंभू सीमाओं का दौरा करेगी और एकता की अपील करेगी। संगठन ने एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के किसी भी नेता द्वारा दोनों सीमा बिंदुओं पर जारी विरोध प्रदर्शन के खिलाफ कोई भी बयान नहीं देने की घोषणा की।

केंद्र सरकार को किसानों की परवाह नहीं : टिकैत

एसकेएम, जिसने अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के चल रहे विरोध का हिस्सा नहीं है। महापंचायत को संबोधित करने वाले वरिष्ठ एसकेएम नेताओं में बलबीर सिंह राजेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, राकेश टिकैत, डॉ. दर्शन पाल और रमिंदर पटियाला शामिल थे। राकेश टिकैत ने सभा को संबोधित करते हुए डल्लेवाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को उनकी कोई परवाह नहीं है।

डल्लेवाल से मुलाकात करेगी हमारी समिति

टिकैत ने कहा, “हमारे कुछ लोग आमरण अनशन पर हैं और हमें इस बात का भी दुख है कि वह पिछले 44- 45 दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं लेकिन भारत सरकार सुन नहीं रही है। एसकेएम पूरी तरह से उनके (अनशनकारी किसान) साथ है।” हमारी समिति कल उनसे (डल्लेवाल से) मुलाकात करेगी। हम एकजुट होकर काम करने के लिए तैयार हैं।”टिकैत ने कहा कि एसकेएम हमेशा मजबूत था और आगे भी मजबूत रहेगा।

डल्लेवाल का आमरण अनशन गुरुवार को 45वें दिन में प्रवेश कर गया। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल पिछले वर्ष 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। उनकी मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग भी शामिल है।

Advertisement
×