नयी दिल्ली, 4 अगस्त (एजेंसी)दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को नौ वर्षीय दलित लड़की की कथित दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने बच्ची के परिवार के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा भी की। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमारी बच्ची वापस नहीं आ सकती। परिवार के साथ हुआ अन्याय दुर्भाग्यपूर्ण है और उसकी भरपाई नहीं हो सकती लेकिन सरकार परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देगी और मजिस्ट्रेट जांच का आदेश देगी।’ बच्ची के माता-पिता बड़ी संख्या में जुटे लोगों के साथ दक्षिण पश्चिम दिल्ली के पुराना नांगल इलाके में घटनास्थल पर धरना दे रहे हैं और दोषियों को मृत्युदंड दिए जाने की मांग कर रहे हैं। जब केजरीवाल बच्ची के माता-पिता से मिलने इस इलाक़े में पहुंचे तो प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को घेर लिया और उनके खिलाफ नारे लगाने लगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार दोषियों को सजा सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष वकीलों को नियुक्त करेगी।
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है। मैं केंद्र सरकार से इस दिशा में कड़े कदम उठाने की अपील करता हूँ।’ उन्होंने कहा, ‘अगर केंद्र सरकार को हमारी मदद की ज़रूरत है तो हम उनके साथ पूरा सहयोग करेंगे। लेकिन अगर इस तरह की घटना दिल्ली में होती है तो इससे दुनिया भर में राष्ट्रीय राजधानी के बारे में अच्छा संदेश नहीं जाता है।’
यह था मामला
पुलिस ने सोमवार को कहा था कि बच्ची अपने माता-पिता के साथ गांव में किराए के घर में रहती थी। रविवार शाम साढ़े पांच बजे वह अपनी मां को सूचित कर श्मशान घाट में लगे पानी के कूलर से ठंडा पानी लेने गई थी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शाम 6 बजे श्मशान घाट के पुजारी और बच्ची की मां को जानने वाले दो-तीन अन्य लोगों ने उसे वहां बुलाया और बेटी का शव दिखाकर दावा किया कि कूलर से पानी लेने के दौरान करंट लगने से उसकी मौत हो गई। उसकी बाईं कलाई और कोहनी के बीच जलने के निशान थे और उसके होंठ भी नीले पड़ गए थे। अधिकारी ने बताया कि पुजारी और अन्य लोगों ने उसकी मां को पुलिस को सूचना देने से मना करते हुए कहा कि पुलिस मामला बना देगी और पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सक बच्ची के अंगों को चुरा लेंगे, इसलिए उसका अंतिम संस्कार करना बेहतर है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि पुजारी समेत चार आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर हत्या और दुष्कर्म के आरोप हैं।
दिल्ली महिला आयोग ने घटना की जांच शुरू की
इस बीच, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने कहा कि उसने घटना की जांच शुरू कर दी है और पुलिस को तलब किया है। आयोग ने कहा कि मामला “बेहद गंभीर” है और इसमें “तत्काल ध्यान देने” की जरूरत है और दक्षिण पश्चिमी जिले के पुलिस उपायुक्त को पांच अगस्त या उससे पहले पेश होने तथा मामले की पूरी फाइल एवं प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराने को कहा है।