Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Kejriwal Bungalow : AAP की याचिका पर दिल्ली HC ने कहा- आवास का आवंटन मनमर्जी से नहीं हो सकता

मैं देखना चाहता हूं कि अतीत में इस प्रक्रिया को कैसे लागू किया गया है
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

दिल्ली हाईकोर्ट ने आप की याचिका पर कहा कि आवास का आवंटन पूरी तरह से अधिकारियों की इच्छा पर आधारित नहीं हो सकता। ‘आप' की याचिका में केंद्र को दिल्ली में केजरीवाल को आवास आवंटित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव और संपदा निदेशालय के निदेशक को 25 सितंबर को इस मामले में ऑनलाइन तरीके से पेश होने का निर्देश दिया। कोर्ट ने पूछा कि ‘क्या इसके लिए कोई प्रक्रिया है? मैं देखना चाहता हूं कि अतीत में इस प्रक्रिया को कैसे लागू किया गया है... प्राथमिकता को कैसे ध्यान में रखा जाता है, आवंटन का क्रम क्या है?...मान लीजिए बंगलों की संख्या सीमित है, तो आप कैसे निर्णय लेंगे? न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा कि एक पारदर्शी व्यवस्था होनी चाहिए और यह पूरी तरह से आपकी मर्जी पर निर्भर नहीं हो सकती। जब तक एक स्पष्ट नीति है... मैं जानना चाहता हूं कि प्राथमिकता का आकलन किस तरह किया जाता है।

Advertisement

मैं इस मुद्दे से चिंतित हूं कि बंगलों के आवंटन में विवेकाधिकार का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। सुनवाई के दौरान केंद्र के वकील ने अदालत को बताया कि 35, लोधी एस्टेट स्थित टाइप सात बंगला, जिसे पार्टी ने केजरीवाल को आवंटित करने का प्रस्ताव दिया था, इस वर्ष 24 जुलाई को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री (एमओएस) पंकज चौधरी को आवंटित किया गया था।

यह दलील अदालत के उस पूर्व निर्देश पर आई है, जिसमें कोर्ट को यह बताने को कहा गया था कि 35 लोधी एस्टेट स्थित बंगला राज्य मंत्री को कब आवंटित किया गया था। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि आवंटन के लिए सरकार द्वारा अपनाई गई मौजूदा नीति को एक हलफनामे में रिकार्ड पर लाया जाना चाहिए, जिसमें पूर्व में किए गए आवंटनों और नीति को कैसे लागू किया गया, इसका भी खुलासा किया जाना चाहिए। कोर्ट ने केजरीवाल को राष्ट्रीय राजधानी में आवास आवंटित करने में देरी के लिए 16 सितंबर को केंद्र सरकार की खिंचाई की थी। कोर्ट ने कहा था कि सरकार का दृष्टिकोण निष्पक्ष होना चाहिए। वह चुनिंदा तरीके से यह तय नहीं कर सकती कि किसे आवास आवंटित किया जाएगा।

कोर्ट केंद्र से 18 सितंबर तक सामान्य आवासीय पूल और वर्तमान प्रतीक्षा सूची से मकानों के आवंटन को नियंत्रित करने वाली नीति का विवरण प्रस्तुत करने को कहा था। ‘आप' की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि सरकारी वकील ने पहले 35, लोधी एस्टेट स्थित बंगला केजरीवाल को आवंटित करने के पार्टी के प्रस्ताव पर निर्देश लेने के लिए समय मांगा था, लेकिन इसे किसी और को आवंटित कर दिया गया। यह बंगला इस साल मई में बसपा प्रमुख मायावती ने खाली किया था।

Advertisement
×