मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

Kedarnath Kapat : हिमालय ने ओढ़ी बर्फ की सफेद चादर, बंद हुए बाबा केदार और यमुना माता के द्वार

उत्तराखंड : केदारनाथ, यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद
Advertisement

Kedarnath Kapat : उत्तराखंड में स्थित विश्वप्रसिद्ध उच्च गढ़वाल हिमालयी धामों केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट बृहस्पतिवार को भैयादूज के पावन पर्व पर परंपरागत पूजा पाठ और विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। रुद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान शिव के धाम और ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ के कपाट सुबह साढ़े आठ बजे बंद किए गए।

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सूत्रों ने बताया कि विशेष पूजा-अर्चना के बाद बाबा केदार के कपाट कार्तिक शुक्ल सप्तमी में अनुराधा नक्षत्र में सुबह साढ़े आठ बजे श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। ठंड के बावजूद कपाट बंद होने के मौके पर लगभग दस हजार श्रद्धालु मौजूद थे जो ‘हर हर महादेव', 'जय बाबा केदार' और ‘बम बम भोले' का जयघोष कर रहे थे इस पल का साक्षी बनने के लिए श्रद्धालुओं के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे।

Advertisement

इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारी, मंदिर समिति के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित भी उपस्थित थे। अब सर्दियों में अगले छह माह तक भगवान केदारनाथ की पूजा उनके शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में की जाएगी। कपाट बंद होने के मौके पर मंदिर को पुष्पों से भव्य रूप में सजाया गया था। सेना के बैंड की भक्ति धुनों और श्रद्धालुओं के जयकारे के बीच जब भगवान केदारनाथ की उत्सव डोली बाहर लायी गयी तो पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।

उत्सव डोली बृहस्पतिवार को रात्रि प्रवास रामपुर में करेगी जबकि शुक्रवार को यह गुप्तकाशी पहुंचेगी जहां से 25 अक्टूबर को डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। केदारनाथ मंदिर के कपाट अब अगले वर्ष अप्रैल–मई में श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुलेंगे। इसकी तिथि और मुहूर्त महाशिवरात्रि के पर्व पर तय किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच के अनुरूप केदारपुरी का भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण कार्य हुआ है।

उन्होंने कहा कि सरकार शीतकालीन चारधाम यात्रा को भी प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने श्रद्धालुओं से शीतकाल के दौरान भी चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों में पूजा-अर्चना कर भगवान का आशीर्वाद लेने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष कुल 17,68,795 तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए जो पिछले साल आए श्रद्धालुओं की संख्या से करीब सवा लाख अधिक है। इस वर्ष मानसून के दौरान आपदाओं के कारण यात्रा के बार-बार बाधित होने के बावजूद चारधाम तथा हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए करीब 50 लाख श्रद्धालु आ चुके हैं।

गढ़वाल हिमालय के चार धामों में शामिल एक अन्य धाम यमुनोत्री के कपाट भी बृहस्पतिवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजा अर्चना के बाद विशाखा नक्षत्र में दोपहर 12:30 पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरूषोत्तम उनियाल ने बताया कि अब सर्दियों के दौरान छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास स्थल खुशीमठ (खरसाली) गांव में होंगे।

इस वर्ष की चारधाम यात्रा अब अपने आखिरी चरण में पहुंच चुकी है जहां गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं। अब बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होना शेष हैं जो 25 नवंबर को होंगे और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा। सर्दियों में बर्फबारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल-मई में फिर खोल दिए जाते हैं।

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsHindi NewsKedarnathKedarnath Kapatlatest newsUttarakhandUttarakhand NewsYamunotriदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी समाचार
Show comments