Kathua Cloudburst: जम्मू-कश्मीर में कठुआ के जोड घाटी में बादल फटा, सात लोगों की मौत
Kathua Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार तड़के बादल फटने और भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में पांच बच्चों समेत चार परिवारों के सात सदस्यों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जिले में रात भर हुई भारी बारिश के बीच राजबाग के जोध घाटी गांव और और जंगलोट में यह आपदा आई जिससे जलाशयों का जलस्तर बढ़ गया और कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया है।
कठुआ में बादल फटने की घटना जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोती गांव में 14 अगस्त को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के तीन दिन बाद हुई है। चिशोती में आई आपदा में 60 लोगों की जान चली गई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि बादल फटने से प्रभावित जोध घाटी में एक व्यक्ति और उसके दो नाबालिग बेटों समेत पांच लोगों की मौत हो गई और गांव तक पहुंचने का रास्ता बंद हो गया व कई कच्चे घरों को नुकसान पहुंचा।
वहीं, जंगलोट के बागरा गांव में बारिश के कारण हुए भूस्खलन में मां-बेटी की भी मौत हो गई। सेना ने जोध घाटी से छह घायलों को अस्पताल पहुंचाया। राइजिंग स्टार कोर ने ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘कठुआ में बादल फटने के बाद भारतीय सेना की टुकड़ियां परिवारों को बचाने, भोजन उपलब्ध कराने और उनकी देखभाल के लिए घटनास्थत पर मौजूद हैं।'' प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकालने में लगे जवानों की तस्वीरें भी साझा की गईं।
अधिकारियों ने मृतकों की पहचान जोध घाटी के निवासी सुरमु दीन (32), उनके बेटे फानू (छ) और शेदु (पांच), जुल्फून (15) और ताहू (दो) तथा जंगलोट निवासी रेणु देवी (39) और उनकी बेटी राधिका (नौ) के रूप में की है। अधिकारियों ने बताया कि घायलों की पहचान सुरमुदीन की पत्नी गोगली बेगम (26), बेटी नगीना (तीन माह) और हबीब दीन की पत्नी करून बेगम (26) और बेटियों राफिया बेगम (चार), आयशा बेगम (छह) और परवीन अख्तर (8) के रूप में हुई है।
सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में मिट्टी के दो घर ढहते दिखाई दे रहे हैं, जहां पीड़ित मलबे में आधी धंसी एक लड़की को निकालने की कोशिश कर रहे हैं और लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि कठुआ थाना क्षेत्र के बगड़ और चंगड़ा गांवों और लखनपुर थाना क्षेत्र के दिलवां-हुटली में भी भूस्खलन की घटनाएं हुई, लेकिन किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण अधिकांश जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है और उझ नदी खतरे के निशान के पास बह रही है।
कई निचले इलाकों जलभराव हेा गया है और बाढ़ का पानी घरों व दुकानों में घुस गया है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और उसने लोगों से जलाशयों से दूर रहने की अपील की है।
बादल फटने के बाद जम्मू-पठानकोट रेल मार्ग पर यातायात बाधित हो गया है, जिसके कारण अधिकारियों ने लोकल ट्रेनों को रद्द कर दिया है और कुछ को बीच में ही रोक दिया है। जम्मू मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक उचित सिंघल ने जम्मू में कहा, ‘‘भारी बारिश के कारण, कठुआ-बुद्धी के बीच पुल संख्या 43 से पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। इसे देखते हुए, जल स्तर कम होने तक अप लाइन पर यातायात अस्थायी रूप से रोक दिया गया है और अस्थायी प्रक्रिया कर निर्धारित कर अप लाइन की ट्रेनों को डाउन लाइन से चलाया जा रहा है।''
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कठुआ में बादल फटने की घटना पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की और केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। रविवार तड़के कठुआ जिले में बादल फटने और भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। शाह ने ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘कठुआ में बादल फटने की घटना के संबंध में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की।
स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटा है और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीमें भी घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। मोदी सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। हम जम्मू-कश्मीर के अपने बहनों और भाइयों के साथ मजबूती से खड़े हैं।'' सिन्हा, अब्दुल्ला और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इन घटनाओं में हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया है।
सिन्हा ने ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘कठुआ के कई इलाकों में बारिश के कारण हुए विनाशकारी भूस्खलन में लोगों की मौत से बहुत दुखी हूं। यह त्रासदी दिल दहला देने वाली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल), पुलिस और प्रशासन के बचाव एवं राहत अभियानों की जानकारी दी।''
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘मैंने प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और सहायता प्रयासों में समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है और मौके पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने को भी कहा है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।''
मुख्यमंत्री ने मृतकों को मुख्यमंत्री राहत कोष से अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा ‘एक्स' पर की गई पोस्ट में अब्दुल्ला ने कहा कि इस सहायता का उद्देश्य तत्काल राहत प्रदान करना और प्रभावित परिवारों को अपना जीवन फिर से शुरू करने में सहायता प्रदान करना है।
पोस्ट में कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री ने कठुआ में हाल में बादल फटने की हुई घटना में जानमाल की हानि पर चिंता व्यक्त करते हुए, एसडीआरएफ सहायता के अलावा, मुख्यमंत्री राहत कोष से अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।'' इसमें कहा गया है कि प्रत्येक मृतकों के परिजनों दो-दो लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए एक लाख रुपये, अत्यंत क्षतिग्रस्त घरों के लिए 50,000 रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 25,000 रुपये की सहायता राशि भी स्वीकृत की। अब्दुल्ला ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए नागरिक प्रशासन, सेना और अर्द्धसैनिक बल हरकत में आ गए हैं। सिंह ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘जंगलोट इलाके में बादल फटने की सूचना मिलने के बाद एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) कठुआ श्री शोभित सक्सेना से बात की।''
इस बीच, मौसम विभाग ने 19 अगस्त तक जम्मू संभाग, खासकर जम्मू, रियासी, उधमपुर, राजौरी, पुंछ, सांबा और कठुआ जिले में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बूंदाबांदी तथा कुछ स्थानों पर भारी बारिश या मूसलाधार बारिश का अनुमान जताया है। वहीं, डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में मध्यम और तेज बारिश हो सकती है।