सुरेश एस डुग्गर/हप्र
जम्मू, 16 अप्रैल
रमजान के महीने में तरबूज की खपत बढ़ गई है। कश्मीर में लोग रोजाना 5 करोड़ के तरबूज खा रहे हैं। रमजान के दिनों में प्रतिदिन 100 से अधिक ट्रक तरबूज खाए जा रहे हैं, जिसकी कीमत 5 करोड़ के करीब है। कश्मीर की फ्रूट एंड वेजिटेबल एसोसिएशन के प्रधान बशीर अहमद बशीर के अनुसार, हफ्ते पहले तरबूज की मांग प्रतिदिन 50 से 60 ट्रक की थी, जो अब बढ़कर 100 से अधिक ट्रकों की हो गई है।
एक ट्रक में 15 से 20 टन तरबूज आते हैं। हालांकि, सरकारी तौर पर तरबूज की कीमत 30 रुपये प्रति किलो तय की गई है, लेकिन कश्मीर में यह 60 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। खाद्य आपूर्ति विभाग के डायरेक्टर अब्दुल सलाम मीर का कहना है कि ज्यादा रेट लेने की शिकायत आने पर जुर्माना किया जाता है।
कश्मीर में सिर्फ तरबूज की खपत ही नहीं, बल्कि मीट की खपत भी एक रिकार्ड बना चुकी है। मीट की खपत का रिकार्ड कोई तोड़ नहीं पाया है। प्रतिवर्ष इसकी खपत 51 हजार टन है। इसमें मछली को शामिल नही किया गया है।
कश्मीर में प्रतिवर्ष 2.2 मिलियन भेड़-बकरियों को कुर्बान किया जाता है। 1.2 बिलियन मांस प्रदेश के बाहर से मंगवाया जाता है। पिछली सर्दियों में कश्मीर में मीट की किल्लत का ही परिणाम था कि सरकारी तौर पर तयशुदा कीमतों से अधिक पर यह बिकता रहा। ऐसा ही रिकार्ड दवाइयों की खपत का भी है। एक अनुमान के अनुसार, कश्मीर में 1200 से 1500 करेाड़ की दवाइयों की खपत प्रतिवर्ष होती है। इनमें सबसे अधिक डिप्रेशन की दवाइयों की मांग है।