Pahalgam Terror Attack: कश्मीर में खौफ, गुस्से और बेचैनी के बीच अमन की आशा भी
रोहित भान/'ट्रिन्यू, श्रीनगर, 23 अप्रैल
Pahalgam Terror Attack: पुणे निवासी रश्मि सोनारकर और उनका परिवार बुधवार दोपहर बुलेवार्ड रोड पर टहलते हुए मशहूर डल झील की खूबसूरती का लुत्फ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कश्मीर में पिछले 12 घंटों में हुई घटनाएं उन्हें बेचैन कर रही हैं। यहां से महज 100 किलोमीटर दूर पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या की घटना ने उनके दिमाग पर गहरा असर डाला।
उन्होंने कहा, ‘कल हमें पहलगाम जाना था, लेकिन हमने ट्यूलिप गार्डन जाने का फैसला किया। यह बात सिहरन पैदा करती है कि हम वहां जाने की योजना बना रहे थे, जहां आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों की हत्या की।’ फिर भी, अभी के लिए, परिवार ने यहीं रहने का फैसला किया है। सोनारकर परिवार कश्मीर की एक सप्ताह की यात्रा पर है।
रश्मि के पति ने कहा, ‘हम जानते हैं कि सुरक्षा बल स्थिति पर नियंत्रण कर रहे हैं, सरकार पर्यटकों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और सबसे बढ़कर आम कश्मीरियों का व्यवहार अच्छा है। लेकिन, जिस क्रूरता से निर्दोष लोगों को मारा गया, वह हमारे दिमाग से नहीं निकल पा रहा।’ हाल के महीनों में कश्मीर में पर्यटन का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। ट्यूलिप गार्डन खुलने से आकर्षण बढ़ा है। लेकिन, पहलगाम हत्याकांड पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए दुःस्वप्न लेकर आया है।
बुलेवार्ड रोड पर स्थित एक होटल के मैनेजर ने कहा, ‘महज 12 घंटों में सब कुछ बदल गया। कल दोपहर तक हर तरफ उत्साह था। निर्दोष लोगों की हत्या ने हर कश्मीरी की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और पर्यटकों का विश्वास बहाल करने में काफी समय लगेगा।’ हत्याकांड की दिल दहला देने वाली तस्वीरें न सिर्फ पर्यटकों, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी परेशान कर रही हैं।
शिकारावाला यूसुफ ने कहा, ‘कोई भी इंसान ऐसी बर्बरता नहीं कर सकता।’ पहलगाम के पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बुधवार को श्रीनगर बंद रहा। हत्याकांड के बाद घाटी में बेचैन करने वाली शांति है, लेकिन कुछ लोग आशावादी बने हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया में काम करने वाले करनाल के एक युवा जोड़े ने बुधवार को श्रीनगर पहुंचने पर अपनी कश्मीर यात्रा जारी रखने का फैसला किया।
पति ने कहा, ‘हमारे परिवार वाले इस यात्रा के सख्त खिलाफ थे, लेकिन हमने इसे रद्द न करने का फैसला किया। उम्मीद है कि शांति बहाल होगी।’ गुलमर्ग की ओर बढ़ रहे इस जोड़े से जब पूछा गया कि क्या पहलगाम जाने का भी कार्यक्रम है, तो उन्होंने तनावपूर्ण मुस्कान के साथ जवाब दिया, ‘क्यों नहीं’।