कर्नाटक : कांग्रेस विधायक का अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा, कहा- बसें केवल महिलाओं के लिए होकर रह गईं हैं, पुरुषों के लिए जगह नहीं है
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री आरवी देशपांडे ने रविवार को कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री होते, तो राज्य सरकार की पांच गारंटियों को लागू नहीं करते। उत्तर कन्नड़ जिले के दांडेली में एक कार्यक्रम में हलियाल के विधायक देशपांडे ने इन योजनाओं पर चिंता व्यक्त की और दावा किया कि बसें अब केवल महिलाओं के लिए रह गई हैं, जिनमें पुरुषों के लिए बहुत कम जगह बची है। देशपांडे ने दावा किया कि सिद्धरमैया सरकार ने पांच गारंटी दीं। महिलाओं को हर महीने 2,000 रुपये दिए गए जो उनके लिए लॉटरी की तरह है। पुरुषों की स्थिति बदतर हो गई है। अगर पुरुष ज्यादा बोलेंगे, तो उन्हें सजा मिलेगी।
उन्होंने महिलाओं को 2,000 रुपये देने से संबंधित गृह लक्ष्मी योजना और मुफ्त बिजली से जुड़ी गृह ज्योति योजना का भी उल्लेख किया। आठ बार के विधायक देशपांडे ने कहा कि भगवान जाने सिद्धरमैया को किसने सलाह दी। अगर मैं मुख्यमंत्री होता, तो इसे लागू नहीं करता। कर्नाटक की महिलाओं को गैर-लक्जरी सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने से संबंधित शक्ति योजना के बारे में 78 वर्षीय नेता ने कहा कि बसें, हे भगवान! महिलाएं धारवाड़, बेलगावी, कलबुर्गी और येल्लम्मा मंदिर के लिए रवाना हो जाती हैं। महिलाएं हर जगह हैं। अगर कोई पुरुष गलती से बस में चढ़ जाता है, तो उसे मुश्किल होती है। ये पूरी तरह से महिलाओं की बसें बन गई हैं। ये सिद्धरमैया के कार्यक्रम हैं।
उन्होंने मुफ्त चावल देने संबंधी अन्न भाग्य योजना के बारे में भी बात की और कहा कि मुफ्त चावल हर माह पांच किलो प्रति व्यक्ति से बढ़ाकर 10 किलो प्रति व्यक्ति कर दिया गया है। महिलाएं इसे लेकर आनंद उठाती हैं। देशपांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री इंदिरा किट बांटने की योजना बना रहे हैं, जिसमें अरहर दाल, सूखा नारियल और खाना पकाने का तेल शामिल होगा। उन्होंने कहा कि हमें भी नहीं पता कि वह और क्या देने वाले हैं। मुझे नहीं पता कि सिद्धरमैया क्या जादू कर रहे हैं। मैं समझ नहीं पा रहा। सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 20 मई, 2023 को पांच चुनाव-पूर्व गारंटियों को लागू करने की घोषणा की।