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Kargil War 1999 : घायल सैनिकों से मिलने पहुंचे सितारे... सलमान ने लगाए हंसी के ठहाके तो सुनील की आंखों ने किया माहौल नम

सलमान के चुटकुलों पर सैनिकों के ठहाके, घायल सैनिकों को देख सुनील के बहे थे आंसू
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वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के दौरान घायल सैनिक अस्पताल में उनसे मिलने आए बालीवुड अभिनेताओं सलमान खान, सुनील शेट्टी, रवीना टंडन और शबाना आजमी जैसे कलाकारों को देखकर हैरान रह गए थे। एक नई किताब में इस किस्से का जिक्र किया गया है। बॉलीवुड कलाकारों का एक समूह युद्ध के दौरान सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए करगिल पहुंचा था।

घायल सैनिकों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी। भारत इस शनिवार को करगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ मना रहा है। डा. अरूप रतन बसु द्वारा लिखित ‘द करगिल वॉर: सर्जन्स टेस्टिमनी' में युद्ध के दौरान सेना की एक चिकित्सा इकाई के अंदर के प्रत्यक्ष विवरण प्रस्तुत करती है। पुस्तक में लगातार गोलाबारी के बीच घायल सैनिकों की सर्जरी करने से लेकर हवाई मार्ग के जरिए फिल्मी सितारों को सैनिकों से मिलने के लिए भेजने तक की कहानी शामिल है। चिकित्सा इकाई में उस समय मौजूद रहे डॉक्टर, सलमान खान के मजेदार चुटकुलों, जावेद जाफरी के नृत्य, सुनील शेट्टी की नम आंखों, पूजा बत्रा की इस मुलाकात में उदासीनता और अभिनेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाने की होड़ में लगे सैनिकों के बीच उत्साह का माहौल याद करते हैं।

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डॉक्टर ने अपनी पुस्तक में लिखा है, “सुनील शेट्टी अंदर आए, उनके बाद कई और हस्तियां आईं। इनमें गीतकार जावेद अख्तर और उनकी पत्नी व अभिनेत्री शबाना आजमी भी शामिल थीं। मैंने शरद कपूर को भी पहचान लिया, जो टेलीविजन पर दिखाई देते थे। उन्होंने उस किस्से के बारे में लिखा, “फिल्मी सितारे करगिल पहुंच चुके थे। उनके आने का मकसद घायल सैनिकों का मनोबल बढ़ाना था।

उन्होंने मरीजों का हालचाल जानना शुरू किया और मैं उनके साथ वार्ड में गया था। शबाना, अख्तर और अभिनेता विनोद खन्ना ने घायल सैनिकों के प्रति वास्तविक चिंता दिखाई। वहीं सलमान खान, रवीना टंडन, जावेद जाफरी और पूजा बत्रा जैसे अन्य लोग रोजमर्रा की ही तरह बातचीत करते दिखे। उदाहरण के लिए, सलमान खान पूरी मुलाकात के दौरान फालतू के चुटकुले सुनाते रहे।

डॉक्टर ने लिखा है, “उन्हें (सलमान) यह भी नहीं पता था कि वे करगिल में हैं या द्रास या फिर लेह में। मुझे नहीं लगता कि इससे उन्हें कोई फर्क पड़ा। रवीना टंडन हर मरीज से एक ही बात दोहराती रहीं, ‘हैलो भैया, कैसे हो? क्या तुमने मुझे पहचाना? मैं रवीना हूं।' जब उन्होंने यह बात आंशिक रूप से बेहोश मरीज से पूछी, तो उस सैनिक ने बस अपनी आंखें बंद कर लीं।

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