Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Kanwar Yatra 2025 : सोशल मीडिया पर फेक न्यूज दिखाने पर भड़े सीएम योगी, कहा - कांवड़ियों को ना किया जाए बदनाम

सोशल मीडिया पर कांवड़ियों को बदनाम करने के प्रयास किए जा रहे : मुख्यमंत्री
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

Kanwar Yatra 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी खाते बनाकर कांवड़ यात्रियों को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं और यह ऐसी मानसिकता है जो हर जगह भारत की विरासत का अपमान करना चाहती है। वाराणसी में जनजातीय गौरव बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी खाते बनाकर जातियों में विभेद और संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसे रोकने की आवश्यकता है।

उन्होंने जनजातीय समाज को भारत का मूल समाज बताते हुए इसके ऐतिहासिक योगदान पर चर्चा की और कहा कि यह समाज हर कालखंड में देश की रक्षा और संस्कृति के संरक्षण के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रेता युग में जब माता सीता का अपहरण हुआ, तब वनवास में रह रहे भगवान राम के पास अयोध्या या जनकपुर की सेना नहीं थी लेकिन जनजातीय समाज उनके साथ मिलकर रावण के खिलाफ युद्ध लड़ा। उन्होंने कहा कि इसी तरह, महाराणा प्रताप ने अरावली के जंगलों में भटकते हुए जनजातीय समाज के सहयोग से अपनी सेना का पुनर्गठन किया और अकबर से युद्ध किया।

Advertisement

योगी आदित्यनाथ ने बिरसा मुंडा को राष्ट्रीय आंदोलन का उत्प्रेरक बताते हुए कहा कि जनजातीय समाज ने हमेशा भारत की विरासत और धरोहर को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘‘बिरसा मुंडा ने अल्पायु में धरती माता और गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने का संदेश दिया, जो आज भी प्रेरणा देता है।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें जनजातीय समाज तक शासन की सुविधाएं नहीं पहुंचा सकीं। उन्होंने कहा कि जहां संवाद बाधित होगा, वहां संघर्ष की स्थिति पैदा होगी।

उन्होंने कहा “हमारी सरकार ने 2017 के बाद जनजातीय गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया। 1947 से 2017 तक इन गांवों में मतदान का अधिकार तक नहीं था। हमने राशन कार्ड, जमीन के पट्टे और पेंशन जैसी सुविधाएं दीं। सोनभद्र, चंदौली, मीरजापुर और नेपाल की तराई में जनजातीय समाज को योजनाओं से जोड़ा गया।” मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज को सनातन परंपरा का सच्चा प्रतिनिधि बताते हुए कहा कि यह समाज वेदों की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारता है और इसने प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर वेदों की शिक्षाओं को जिया है।

उन्होंने कहा कि भारत की परंपरा में यह कभी नहीं कहा गया कि मंदिर जाने वाला या ग्रंथ मानने वाला ही हिंदू है। उन्होंने कहा ‘‘जो मानेगा, वह भी हिंदू है और जो नहीं मानेगा, वह भी हिंदू है। चार्वाक और भगवान बुद्ध ने वेदों को नहीं माना, फिर भी वे हमारे लिए पूज्य हैं।'' मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज के लिए कार्य करने वाले पद्मश्री अशोक भगत की सेवाओं की सराहना की। इस अवसर पर पद्मश्री अशोक भगत, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, अनिल राजभर, राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल, दयाशंकर मिश्र दयालु, कई विधायक और महाविद्यालय के शिक्षक मौजूद थे।

Advertisement
×