Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

कंडेला खाप पंचायत ने Live-in का किया विरोध, सरकार से कानून रद्द करने की मांग

जींद, 19 जून (जसमेर मलिक/हप्र) Haryana News: हरियाणा की प्रमुख कंडेला खाप पंचायत ने लिव-इन रिलेशनशिप, समलैंगिक विवाह और लव मैरिज जैसे सामाजिक कानूनों का विरोध करते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला है। खाप ने कहा कि इन कानूनों के...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

जींद, 19 जून (जसमेर मलिक/हप्र)

Haryana News: हरियाणा की प्रमुख कंडेला खाप पंचायत ने लिव-इन रिलेशनशिप, समलैंगिक विवाह और लव मैरिज जैसे सामाजिक कानूनों का विरोध करते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला है। खाप ने कहा कि इन कानूनों के कारण समाज में अपराध बढ़ रहा है और पारंपरिक सामाजिक ढांचा टूट रहा है, जबकि सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।

Advertisement

कंडेला खाप पंचायत के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला, महासचिव राजसिंह कंडेला और प्रवक्ता जगत सिंह रेढू ने कहा कि इन असामाजिक कानूनों के चलते गांव-गांव और गली-मोहल्लों में दुश्मनी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की कई खाप पंचायतें इस मुद्दे को लेकर दो बार चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री और एक बार दिल्ली में कानून मंत्री से मिल चुकी हैं, लेकिन अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

खाप नेताओं ने हाल ही में वायरल एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि “एक महिला ने 61 शादियां कीं और अब वह 25वें पति के साथ रह रही है, यह हिंदू संस्कृति का मज़ाक है।” उन्होंने कहा कि यह सब विकृत सामाजिक कानूनों का परिणाम है, और भाजपा सरकार हिंदू धर्म की दुहाई देकर ही शासन कर रही है, लेकिन उसी धर्म की संस्कृति को बिगाड़ने में खुद भागीदार बन गई है।

खाप पंचायत की प्रमुख मांगें

  • लव मैरिज में मां-बाप की सहमति अनिवार्य की जाए।
  • गांव, गोत्र, गोहांड में विवाह पर कानूनी प्रतिबंध लगे।
  • लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिक विवाह जैसे कानून रद्द किए जाएं।
  • लड़की की विवाह आयु 21 साल करने का प्रस्ताव वापस लिया जाए।

18 वर्ष की लड़की चुनाव लड़ सकती है, तो उसे पति चुनने का अधिकार भी मिलना चाहिए

एडवोकेट रणधीर सिंह रेढू ने कहा कि अगर 18 वर्ष की लड़की चुनाव लड़ सकती है, तो उसे पति चुनने का अधिकार भी मिलना चाहिए। खाप ने मांग की कि इन सामाजिक रूप से विघटनकारी कानूनों को दोबारा समीक्षा कर रद्द किया जाए, नहीं तो समाज का संतुलन पूरी तरह टूट जाएगा। कंडेला खाप ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ने इन मांगों पर विचार नहीं किया तो आने वाले समय में बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा।

Advertisement
×