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Jyoti Malhotra Case : स्पाई केस में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने खारिज की बेल याचिका

हरियाणा: अदालत ने जासूसी मामले में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को जमानत देने से किया इनकार
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Jyoti Malhotra Case : हरियाणा के हिसार जिले की एक अदालत ने जासूसी के संदेह में मई में गिरफ्तार की गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​​की जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि इस बात की अधिक आशंका है कि जमानत पर उसके रिहा होने से जांच में बाधा आ सकती है।

हिसार पुलिस ने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो' चलाने वाली मल्होत्रा ​​(33) को 16 मई को शासकीय गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था। मल्होत्रा ​​वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. परमिंदर कौर की अदालत ने अपने विस्तृत आदेश में मल्होत्रा की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी।

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सत्र अदालत ने 23 अक्टूबर को अपने आदेश में कहा, ‘‘सरकारी गोपनीयता अधिनियम और बीएनएस प्रावधानों के तहत प्रथम दृष्टया काफी गंभीर मामला है, आरोपी के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से बरामद फोरेंसिक सामग्री, एसएमएसी (मल्टी-एजेंसी सेंटर) खुफिया जानकारी और एक विदेशी अधिकारी के साथ संपर्कों के परिस्थितिजन्य साक्ष्य और संवेदनशील क्षेत्रों में गतिविधियां सामूहिक रूप से इस बारे में अधिक आशंका पैदा करती हैं कि जमानत पर उसकी रिहाई जांच में बाधा डाल सकती है, डिजिटल साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है या यह सार्वजनिक और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के विपरीत हो सकती है।''

याचिकाकर्ता के वकील की इस दलील पर कि जिन खुफिया जानकारियों पर भरोसा किया गया है, उनकी जांच नहीं की गयी है और अभियोजन पक्ष विदेशी एजेंटों को संवेदनशील सामग्री पहुंचाये जाने का प्रत्यक्ष प्रमाण प्रस्तुत करने में विफल रहा है, अदालत ने कहा कि यह सच है कि ऐसे विषयों की अंततः पड़ताल की जानी चाहिए और आरोपी को आरोपों को अस्वीकार करने का अधिकार है।

अदालत ने यह भी कहा कि जमानत पर विचार करते समय अदालत को उस स्तर पर उपलब्ध साक्ष्यों की समग्रता पर विचार करना चाहिए। अदालत के आदेश में कहा गया विदेशी नागरिक (पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी) की उपस्थिति, याचिकाकर्ता की पाकिस्तान यात्रा की परिस्थितियां, अनुमति वाले क्षेत्रों से परे यात्रा की कथित सुविधा और कथित वीआईपी सत्कार, जैसी चीजों को वीडियोग्राफिक सामग्री की फोरेंसिक साक्ष्य के साथ मिलाकर देखे जाने पर प्रथम दृष्टया यह मामला बनता है कि आरोपी ने ऐसे लोगों के साथ बातचीत की होगी, जिनकी पहचान और मकसद जांच के लिए महत्वपूर्ण हैं।

पुलिस सूत्रों ने पहले बताया था कि मल्होत्रा ​​नवंबर 2023 से पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ ​​दानिश के संपर्क में थी। भारत ने कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के आरोप में 13 मई को दानिश को निष्कासित कर दिया था।

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