Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Judge Cash Scandal : जस्टिस वर्मा के खिलाफ कांग्रेस का एक्शन, जयराम बोले - सभी सदस्य करेंगे प्रस्ताव पर हस्ताक्षर

न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव पर कांग्रेस सांसद भी करेंगे हस्ताक्षर: जयराम रमेश
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

Judge Cash Scandal : कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा और उसके सांसद भी इस पर हस्ताक्षर करेंगे, क्योंकि तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर ‘‘हमें ऐसा करने के लिए बाध्य'' कर दिया है।

रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि कांग्रेस और दूसरे विपक्ष दल इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शेखर यादव की ‘‘संविधान विरोधी और सांप्रदायिक'' टिप्पणी के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे। उनका कहना था कि पिछले साल दिसंबर में 55 विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में न्यायमूर्ति यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संबंधी नोटिस दिया था, लेकिन इसके बाद से सभापति जगदीप धनखड़ ने कोई कदम नहीं उठाया है।

Advertisement

इस साल मार्च में जब न्यायमूर्ति वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायाधीश थे तब राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनके आवास पर आग लगने की घटना हुई थी और उस समय जले हुए नोट बरामद होने की बात सामने आई थी। हालांकि न्यायाधीश ने नकदी के बारे में अनभिज्ञता जताई थी। इसके बाद उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने कई गवाहों से बात करने और उनके बयान दर्ज करने के बाद उन्हें दोषी पाया। न्यायमूर्ति खन्ना ने प्रधान न्यायाधीश रहते हुए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की सिफारिश की थी।

न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव लाने की सत्तापक्ष की पहल के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, ‘‘सरकार महाभियोग नहीं चला सकती। संविधान के अनुच्छेद 124 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रस्ताव सांसद ही लाते हैं। लोकसभा में 100 सांसद या राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए। हम समर्थन कर रहे हैं, हमारे सांसद लोकसभा में प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं और यह महाभियोग के लिए नहीं, बल्कि न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 के तहत अध्यक्ष द्वारा तीन सदस्यीय समिति गठित करने के लिए है।''

रमेश ने बताया कि इस मामले में पहले समिति गठित की जाएगी जो मामले की जांच करेगी तथा अपनी रिपोर्ट देगी और फिर उस रिपोर्ट के आधार पर संभवतः संसद के शीतकालीन सत्र में, पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में संबंधित न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि 55 राज्यसभा सदस्यों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यादव को संविधान के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध ‘‘भड़काऊ और सांप्रदायिक'' बयान देने के लिए हटाने का प्रस्ताव पेश करने का नोटिस पहले ही दे दिया है।

कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ‘‘उन्होंने (न्यायमूर्ति यादव) अपनी शपथ का उल्लंघन किया और उन्होंने संविधान के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन किया। उनके खिलाफ नोटिस सात महीने से लंबित है। मैं बार-बार सभापति से मिला हूं, कानून मंत्री से मिला हूं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।'' उन्होंने कहा, ‘‘सभापति खुद नोटिस पर कदम नहीं उठा रहे हैं या उन्हें इसके लिए मजबूर किया गया है, मुझे नहीं पता। मैं सभापति का सम्मान करता हूं। मुझे उम्मीद है कि वह इसे मंज़ूरी देंगे।''

रमेश ने आगे कहा कि उनका मानना है कि न्यायामूर्ति वर्मा के मामले में सभी दल प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करेंगे। उधर, न्यायमूर्ति वर्मा ने आंतरिक जांच समिति की उस रिपोर्ट को अमान्य ठहराने का अनुरोध करने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, जिसमें उन्हें नकदी बरामदगी मामले में कदाचार का दोषी पाया गया है। वर्मा ने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा 8 मई को संसद से उनके खिलाफ महाभियोग चलाने का आग्रह करने वाली सिफारिश को रद्द करने की मांग की है।

Advertisement
×