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Jaswinder Bhalla Death: ‘छनकाटा’ से ‘कैरी ऑन जट्टा’ तक, जसविंदर भल्ला की यादें अमर

Jaswinder Bhalla Death:  पंजाबी मनोरंजन जगत और शैक्षणिक जगत दोनों ही आज गहरे शोक में हैं। दिग्गज हास्य अभिनेता और शिक्षाविद् जसविंदर भल्ला का शुक्रवार तड़के मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। वे 65 वर्ष के थे। अस्पताल...
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Jaswinder Bhalla Death:  पंजाबी मनोरंजन जगत और शैक्षणिक जगत दोनों ही आज गहरे शोक में हैं। दिग्गज हास्य अभिनेता और शिक्षाविद् जसविंदर भल्ला का शुक्रवार तड़के मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। वे 65 वर्ष के थे। अस्पताल सूत्रों और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू), लुधियाना के अतिरिक्त निदेशक (संचार) डॉ. टीएस रियार ने उनके निधन की पुष्टि की। बताया गया कि भल्ला कुछ समय से अस्वस्थ थे और इलाज चल रहा था।

भल्ला का कलात्मक सफर 1988 में शुरू हुआ, जब उन्होंने व्यंग्यात्मक सीरीज़ ‘छनकाटा’ में चाचा चतर सिंह का किरदार निभाया। यह किरदार पंजाबी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बन गया। इसके बाद उन्होंने ‘कैरी ऑन जट्टा’, ‘चक दे फट्टे’, ‘डैडी कूल मुंडे फूल’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में अभिनय कर दर्शकों को हंसाया और सोचने पर मजबूर किया।

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लेकिन, भल्ला का योगदान केवल परदे तक सीमित नहीं था। भल्ला पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू), लुधियाना में प्रोफेसर और एक्सटेंशन एजुकेशन विभाग के प्रमुख भी रहे। उन्होंने 2020 में सेवानिवृत्ति ली। अकादमिक जगत में वे छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत थे। भल्ला ने बी.एससी. (ऑनर्स) कृषि और एम.एससी. एक्सटेंशन एजुकेशन की डिग्री पीएयू से तथा पीएचडी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से प्राप्त की थी। पीएयू से जुड़ने से पहले उन्होंने पांच साल तक पंजाब कृषि विभाग में सेवाएं दीं।

हंसी, व्यंग्य और शिक्षा का अद्भुत संगम

भल्ला ने एक बार कहा था कि कोरोना महामारी के कारण वे बिना औपचारिक विदाई के ही सेवानिवृत्त हुए। यह उनके जीवन का एक अधूरा पल रहा। आज वही छात्र अपने प्रिय गुरु को खोने का गम मना रहे हैं। कई पूर्व छात्रों का कहना है कि भल्ला ने उन्हें न केवल कृषि पढ़ाई बल्कि जीवन जीने का सलीका भी सिखाया।

जसविंदर भल्ला का जीवन हंसी, व्यंग्य और शिक्षा का अद्भुत संगम था। वे जहां भी रहे, मंच पर, क्लासरूम में या फिर बड़े पर्दे पर—अपनी छाप छोड़ गए। उनका जाना एक युग का अंत है, लेकिन उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों तक हंसी, सीख और प्यार के रूप में जीवित रहेगी। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को दोपहर 12 बजे मोहाली के बलोंगी श्मशान घाट पर किया जाएगा। परिवार, मित्रों और असंख्य प्रशंसकों की मौजूदगी की संभावना है।

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