Jammu Rain Alert : जम्मू में कुदरत का कहर; पहाड़ों से फूटा सैलाब, पानी में बहे मकान, रेस्क्यू जारी
Jammu Rain Alert : जम्मू संभाग में भारी बारिश के कारण वर्षाजनित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई और 24 से अधिक घर एवं पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जम्मू में लगभग सभी जलाशय खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं, जिससे शहर और अन्य स्थानों पर कई निचले इलाकों व सड़कों पर जलभराव हो गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू संभाग के कई हिस्सों में स्थिति ‘‘काफी गंभीर'' है और वह स्वयं स्थिति पर नजर रखने के लिए श्रीनगर से अगली उपलब्ध उड़ान से जम्मू आएंगे। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात रोक दिया गया है, जबकि कई पहाड़ी सड़कें भूस्खलन या अचानक आई बाढ़ के कारण अवरुद्ध या क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बारिश को देखते हुए एहतियात के तौर पर माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा भी रोक दी गई है।
सीएम ने दिए हाई अलर्ट के आदेश
अधिकारियों ने बताया कि वर्षाजनित अलग-अलग घटनाओं में गंदोह में दो और ठाठरी में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 15 घर और चार पुल क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों के अनुसार, किश्तवाड़, रियासी, राजौरी, रामबन और पुंछ जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों से भी सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे को नुकसान की सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि वास्तविक स्थिति का पता जमीनी हालात के आकलन के बाद ही चल सकेगा। मुख्यमंत्री ने लगातार बारिश के कारण जम्मू में आई बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए श्रीनगर में एक बैठक की और अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने तथा सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने बताया कि माधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक के पार पहुंच गया है और लगातार बढ़ रहा है, जिससे कठुआ जिले में रावी नदी के किनारे कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। उन्होंने बताया कि कठुआ में तरनाह नदी, उझ नदी, मग्गर खड्ड, सहार खड्ड, रावी नदी और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और यह खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बार-बार लोगों से बाढ़ग्रस्त नदियों से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की घोषणा करते देखे गए।
जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर
अधिकारियों ने जिलेवार हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं और लोगों से किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता के लिए इन नंबरों पर संपर्क करने की अपील की है। मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटे में सबसे अधिक वर्षा कठुआ जिले में दर्ज की गई, जहां 155.6 मिलीमीटर बारिश हुई।
इसके बाद डोडा के भद्रवाह में 99.8 मिलीमीटर, जम्मू में 81.5 मिलीमीटर और कटरा में 68.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। अधिकारियों ने पहले ही परामर्श जारी कर लोगों से जलाशयों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 27 अगस्त तक जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर, राजौरी, रामबन, डोडा और किश्तवाड़ जिलों के कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश की आशंका है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की भी आशंका जताई गई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात अवरुद्ध
जम्मू संभाग में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन मध्यम से भारी बारिश हुई, जिसके कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग सभी नदियां और बरसाती नाले खतरे के निशान से ऊपर या उसके करीब बह रहे हैं, जिससे शहर और अन्य स्थानों के कई निचले इलाकों और सड़कों पर जलभराव हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि रामबन जिले के चंद्रकोट, केला मोड़ और बैटरी चश्मा में पहाड़ियों से पत्थर गिरने के बाद एहतियात के तौर पर 250 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज सुबह यातायात रोक दिया गया।
उन्होंने बताया कि कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले एकमात्र बारहमासी राजमार्ग पर जम्मू के उधमपुर और कश्मीर के काजीगुंड में वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। अंतिम रिपोर्ट मिलने तक राजमार्ग पर भारी बारिश जारी थी। अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ जिले में त्रेठ नाले के पास पाडर सड़क का एक हिस्सा बह गया, जबकि उधमपुर में रामनगर-उधमपुर सड़क और डोडा में जंगलवार-थाथरी सड़क क्रमशः कोंगा और थाथरी में भूस्खलन के बाद बंद कर दी गई।
बारिश से घरों को नुकसान
किश्तवाड़, डोडा और राजौरी जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों से लगभग 12 घरों और गोशालाओं को नुकसान पहुंचने की भी सूचना है। अधिकारियों ने बताया कि माधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक के पार पहुंच गया है और लगातार बढ़ रहा है, जिससे कठुआ जिले में रावी नदी के किनारे कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। उन्होंने बताया कि कठुआ में तरनाह नदी, उझ नदी, मग्गर खड्ड, सहार खड्ड, रावी नदी और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और खतरे के निशान के करीब है। अधिकारियों के अनुसार, उधमपुर जिले में तवी नदी खतरे के निशान 20 फुट को पार कर गई है, जबकि जम्मू में यह फिलहाल चेतावनी के निशान से नीचे बह रही है। चनाब नदी भी जम्मू क्षेत्र में चेतावनी स्तर के करीब बह रही है।
लोगों से की गई खतरे वाले इलाकों से दूर रहने की अपील
उन्होंने बताया कि सांबा में बसंतर नदी भी आज सुबह खतरे के निशान 4.5 फुट को पार कर गई। मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटे में सबसे अधिक वर्षा कठुआ जिले में दर्ज की गई, जहां 155.6 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके बाद डोडा के भद्रवाह में 99.8 मिलीमीटर, जम्मू में 81.5 मिलीमीटर और कटरा में 68.8 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। अधिकारियों ने पहले ही परामर्श जारी कर लोगों से जलाशयों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 27 अगस्त तक जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर, राजौरी, रामबन, डोडा और किश्तवाड़ जिलों के कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की भी आशंका जताई गई है।