ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

Jammu Kashmir : पाक गोलाबारी में टूटी J&K के दंपति की बेहतर भविष्य की उम्मीद, जुड़वां बच्चों की मौत

अब दोनों बच्चों को उनके घर के पास स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया गया
Advertisement

जम्मू, 14 मई (भाषा)

Jammu & Kashmir : अपने 12 वर्षीय जुड़वां बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद लिए सुदूर गांव से जम्मू कश्मीर के पुंछ शहर में किराए के मकान में रहने आए दंपति को इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि उनका यह फैसला उन्हें जिंदगी भर का दर्द दे जाएगा। दोनों बच्चों जैन अली और ऊर्वा फातिमा को स्कूल में दाखिला लिए दो महीने से थोड़ा ही ज्यादा वक्त हुआ था कि 7 मई को पाकिस्तान की तरफ से पुंछ में की गई भीषण गोलाबारी की जद में उनका परिवार फंस गया।

Advertisement

अब दोनों बच्चों को उनके घर के पास स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया गया है। बच्चों के पिता रमीज खान का जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पड़ोसी देश में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर मिसाइल हमले के तुरंत बाद पाकिस्तानी सेना ने भारी गोलाबारी शुरू कर दी। जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से हुई गोलाबारी में कुल 28 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 20 से ज्यादा लोगों की मौत पुंछ और राजौरी जिलों में हुई। इसके अलावा घरों और पूजा स्थलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है।

खान के रिश्तेदार आदिल पठान ने बताया कि वे सुरक्षित स्थान की तलाश में आगे बढ़ रहे थे, तभी एक गोला फट गया, जिसके परिणामस्वरूप लड़की की मौके पर ही मौत हो गई और पिता-पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के कुछ ही मिनट के भीतर अस्पताल ले जाते समय लड़के ने भी दम तोड़ दिया। 12 साल पहले खान की बेटी अपने भाई से पांच मिनट पहले इस दुनिया में आई थी और उसकी मृत्यु भी अपने भाई से लगभग पांच मिनट पहले हुई। उन्होंने हाल ही में अपना 12वां जन्मदिन मनाया और अपने नए स्कूल को लेकर खुश थे, जहां उन्हें कक्षा पांच में दाखिला मिला था। खान के एक अन्य रिश्तेदार मोहम्मद फारूक ने कहा कि उन्होंने कभी भी सीमा पार से इतनी भीषण गोलाबारी नहीं देखी। यह हमारे परिवार के लिए बहुत बड़ी त्रासदी है।

खान मंडी के सरकारी स्कूल में लाइब्रेरी असिस्टेंट के तौर पर काम कर रहे थे। पाक गोलाबारी में परिवार के सपने चकनाचूर हो गए। रिश्तेदारों ने खान की पत्नी उरुसा फातिमा की इस त्रासदी का बहादुरी से सामना करने के लिए सराहना की। उसने अपने बच्चों का अंतिम संस्कार किया और अपने पति के साथ खड़ी है, जिसे बच्चों की मौत के बारे में कुछ भी पता नहीं है। खान को शनिवार को होश आया जब भारत और पाकिस्तान चार दिन से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और युद्ध विराम करने के लिए सहमति पर पहुंचे।

पठान ने कहा कि घायल पिता नियमित रूप से अपने बच्चों के बारे में पूछ रहा है, लेकिन हम कब तक उससे वास्तविकता छिपा सकते हैं? खान को जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को परिवार से मुलाकात की और उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। वे शोक में डूबे हुए हैं और मैं यहां केवल अपनी संवेदना, सहानुभूति और प्रशासन का समर्थन देने आया हूं। उन्होंने कोई मांग नहीं उठाई। यह परिवार के लिए दुखद समय है।

Advertisement
Tags :
Chief Minister Omar AbdullahDainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune Latest NewsDainik Tribune newsHindi NewsJammu-Kashmirlatest newsPahalgam terrorist attackPakistanPoonchUrva FatimaZain Aliदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी न्यूजहिंदी समाचार